पत्नी अगर पति को मां-बाप से अलग रहने के लिए करें मजबूर तो पति दे सकता है तलाक: सुप्रीम कोर्ट

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सुप्रीम कोर्ट ने आज एतिहासिक फैसला सुनाते हुए कहा कि अगर पत्नी अपने पति को उसके मां-बाप से अलग रहने के लिए मजबूर करती हैं तों उसे उसका पति तलाक दे सकता है. साथ ही सर्वोच्च अदालत ने इसे पत्नी द्वारा पति पर जुल्म भी बताया हैं.

साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने पत्नी द्वारा सुसाइड की धमकी देने को भी अत्याचार मानते हुए उसे भी तलाक का आधार करार दिया है. जस्टिस अनिल आर दवे और जस्टिस एल नागेश्वर राव की खंडपीठ ने कहा कि एक महिला शादी के बाद पति के परिवार की सदस्य बन जाती है. वह इस आधार पर उस परिवार से अपने पति को अलग नहीं कर सकती है कि वो अपने पति की आय का पूरा उपभोग नहीं कर पा रही है. कोर्ट ने टिप्पणी में आगे कहा कि माता-पिता से अलग रहने की पश्चिमी सोच हमारी सभ्यता-संस्कृति और मूल्यों के खिलाफ है.

कर्नाटक हाईकोर्ट के एक आदेश को रद्द करते हुए फैसला सुनाया है. कोर्ट ने कर्नाटक की एक दंपत्ति के तलाक की अर्जी को मंजूरी देते हुए ये टिप्पणी की है. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि पति को अगर पत्नी बार-बार सुसाइड करने की धमकी दे तो ऐसे हालात में वह सुकून महसूस नहीं कर सकता. अगर पत्नी आत्महत्या कर लेती है तो पति की पूरी जिंदगी तबाह हो सकती है.

कोर्ट ने कहा कि पत्नी की यह जिद निराधार है कि वह अपने पति के साथ अकेले रहना चाहती है. अगर पत्नी ऐसा करती है तो उसे अत्याचार माना जाएगा और यह तलाक का आधार होगा.

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