जम्मू कश्मीर के करन नगर जिले में CRPF कैंप पर आतंकी हमले के दौरान जवान मोजाहिद खान ने अपने प्राणों की आहुति देश की रक्षा में दे दी. बुधवार को उनकों पुरे सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई. लेकिन सबसे बड़ी शर्म की बात है इस अंतिम विदाई में न तो नीतीश सरकार का और नहीं मोदी सरकार का कोई मंत्री शामिल नहीं हुआ. इसके अलावा शहीद को अंतिम विदाई देने न तो डीएम पहुंचे और ना ही एसपी आए.
#WATCH People pay tribute to CRPF Jawan Mujahid Khan in Bihar's Arrah. He lost his life in Srinagar's #KaranNagar encounter. pic.twitter.com/5VbcfI8kFb
— ANI (@ANI) February 14, 2018
इस मामले में ऑल इंडिया मजलिसे इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असुदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट कर सवाल किया, ‘बिहार के पीरो जिले में रहने वाले सीपीआरपीएफ के शहीद जवान मुजाहिद खान के परिवार से मिलने नीतीश कुमार का एक भी मंत्री नहीं आया.’
Mujahid khan Constable of CRPF who was martyred in Sunjuwan resident of Bihar, Piro District Ara not a single minister of @NitishKumar visited the deceased family
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) February 14, 2018
इसके अलावा बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने बिहार सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि बिहार के दो जाबांज सैनिक वीरगति को प्राप्त हुए लेकिन नीतीश सरकार का एक भी मंत्री जवानों को श्रद्धांजलि देने किए अंतिम संस्कार में सम्मिलित नहीं हुए. उन्होंने लिखा कि नीतीश जी संघ के वकील न बनें. ये राजनीतिक आरोप नहीं शहीदों के सम्मान की बात है.
बिहार में दो जाबाँज सैनिक वीरगति को प्राप्त हुए। लेकिन नीतीश सरकार का एक भी मंत्री वीर जवानों को श्र्द्धांजलि देने और अंतिम संस्कार में सम्मिलित नहीं हुआ।
नीतीश जी संघ के वक़ील मत बनिए। ये राजनीतिक आरोप नहीं शहीदों के सम्मान की बात है।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) February 14, 2018
इसी के साथ नीतीश सरकार ने शहीद को मुआवजा देने में भी भेदभाव किया. जिसके चलते परिजनों ने मुआवजा लेने से भी इनकार कर दिया. दरअसल, जिलाधिकारी की ओर से सैनिक कल्याण कोष की चिट्ठी के साथ पांच लाख रुपये का चेक परिजनों को भेजा गया था, जिसे उन्होंने लेने से इनकार कर दिया.
शहीद मोजाहिद के बड़े भाई इम्तियाज ने कहा कि उन्हें अपने छोटे भाई की शहादत पर गर्व है, लेकिन शहादत कब तक यूं ही बेकार जाती रहेगी. उन्होंने कहा कि ‘मेरा भाई शराब पीकर नहीं मरा है, बल्कि शहीद हुआ है. ऐसे में इतनी छोटी सी सरकारी मदद की कोई जरूरत नहीं है.’