कोरोनावायरस लॉकडाउन के कारण 28 मार्च से उत्तरी दिल्ली के मजनू-का-टीला गुरुद्वारा में फंसे लगभग 300 लोगों को आज दिल्ली पुलिस ने निकाल कर नेहरू विहार के एक स्कूल में शिफ्ट किया। इसी स्कूल में क्वारंटीन सेंटर बनाया गया है।
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की लापरवाही के चलते ऐतिहासिक गुरुद्वारा मजनूं टीला साहिब में ये लोग फंसे हुए थे। गुरुद्वारा मजनू का टीला को सील कर दिया गया है। लॉकडाउन के दौरान लोगों का पलायन रोकने के लिए दिल्ली दिल्ली सरकार ने अपने स्कूलों को अस्थायी रैन बसेरों में बदल दिया है।
जानकारी के अनुसार दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने दिल्ली में फंसे पंजाब के लोगों को अमृतसर तक भेजने के लिए दिल्ली कमेटी तथा शिरोमणि कमेटी की तरफ से एक अपील की गई। साथ ही दो दो बसें भेजने का ऐलान किया गया। बस को भेजने का समय 29 मार्च को सुबह 6 बजे का बताया गया था। जिसके बाद दिल्ली में फंसे पंजाब के रहने वाले लोग बड़ी संख्या में गरुद्वारा मजनू टीला साहब पहुंच गए। वहां पहुंचने के बाद कमेटी स्टाफ ने बाकायदाा पंजाब जाने के इच्छुक लोगों के नाम और आधार कार्ड नंबर रजिस्टर्ड किए। इसके बाद लगभग 400 लोगों की संख्या सामने आई।
Delhi: Around 210 people who were stranded at Majnu-ka-Tilla Gurudwara since 28th March due to #CoronavirusLockdown, are being shifted by Delhi Police to a school in Nehru Vihar. #COVID19 pic.twitter.com/2TzIdqEwXV
— ANI (@ANI) April 1, 2020
ज्यादा भीड़ को देखकर हड़बड़ी में कमेटी ने दो बसों को गुरुद्वारे से कुछ लोगों को रवाना कर दिया। साथ ही 300 से अधिक लोगों को यह दिलाशा दिया गया कि आप गुरुद्वारे के लंगर हाल में रुकिये, यहां लंगर की पूरी व्यवस्था है, दूसरे दिन बसों की व्यवस्था करके भेजा जाएगा। लेकिन 29 मार्च को बसों की कोई व्यवस्था नहीं हो पाई। 30 मार्च को कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को टवीट करके गुरुद्वारा मंजनू टीला में रुके हुए पंजाब के लोगों को पंजाब वापस ले जाने के लिए बसें देने की मांग की।
सााथ ही ट्वीट में कुछ फोटो इन भी भेजी जिसमें भारी भीड नजर आ रही थी। इस बीच आज 31 मार्च को सिरसा ने एक नया ट्वीट करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को इन लोगों की मेडिकल जांच की मांग कर दी। सिरसा ने कहा कि गुरुद्वारा मजनू टीला में फंसे हुए लोगों में से कुछ को करोना संक्रमण के लक्षण नजर आ रहे हैं इसलिए सरकार इनको मेडिकल जांच कराकर इनको घरों तक भेजे।
दिल्ली कमेटी के पूर्व अध्यक्ष मंजीत सिंह जीके ने कमेटी की घोर लापरवाही करार देते हुए कहा कि मनजिंदर सिंह सिरसा ने पहले इन लोगों को खुद गुरुद्वारे में बुलाया, तीन दिन एक हाल में इनको इकट्ठे रखा और अब इनको करोना संदिग्ध बताकर इनको मानसिक तौर पर परेशान किया जा रहा है। जीके ने कहा कि अगर सिरसा के पास लोगों के भेजने के साधन नहीं थे, तो क्यूँ 400 लोगों को बुलाकर एकत्र किया गया।
जीके ने दावा किया कि निजामुद्दीन में तबलीगी जमात के मरकज मामले का खुलासा सामने आने के बाद सिरसा डर गए हैं और जिम्मेदारी से भागने की कोशिश कर रहे हैं। अगर इनमें से किसी को भी करोना का संक्रमण पाया गया तो उसके लिए सिरसा जिम्मेदार होंगे।