केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने वित्त मंत्रालय को नोटबंदी के बाद जुटाए गए कालेधन के बारे में जानकारी देने का आदेश दिया है.
एक साल पुराने सुचना के अधिकार के तहत आवेदन पर सीआईसी ने ये आदेश दिया है. साथ ही मुख्य सूचना आयुक्त आर के माथुर ने प्रधानमंत्री कार्यालय को आरटीआई कानून के तहत एक दंड से बख्श दिया. दरअसल, मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों ने आरटीआई का जवाब समय पर न देने के बाद माफी मांग ली.
माथुर ने कहा कि इस विभाग के सीपीआईओ या संबंधित प्रमुख को भविष्य में सावधानी बरतने को कहा है और भविष्य में आरटीआई कानून की समयसीमा का अनुपालन करने को कहा है.
यह मामला खालिद मुंदापिल्ली से संबंधित है, जिन्होंने 22 नवंबर 2016 को आरटीआई कानून के तहत प्रधानमंत्री कार्यालय से इस मामले में जानकारी मांगी थी. मुंदापिल्ली ने आवेदन पर जवाब नहीं मिलने के बाद 9 जनवरी, 2017 को सीआईसी के पास पीएमओ की शिकायत की थी.
पीएमओ के अधिकारियों ने आयोग को बताया कि आवेदन को 25 जनवरी, 2017 को जवाब के लिए राजस्व विभाग को भेज दिया गया था. जिस पर खालिद ने आयोग को बताया कि मामले को राजस्व विभाग के पास भेजे जाने के एक साल बाद भी उनके आरटीआई आवेदन का जवाब नहीं दिया गया है.