लद्दाख में चीन सेना का पीछे हटने से इंकार, भारत ने भी दे डाली अब सख्त चेतावनी

चीनी सेना के हाथों 20 भारतीय जवानों की शहादत के बाद लद्दाख में LAC पर तनाव गहराता जा रहा है। इसी बीच अब चीन ने साफ कर दिया कि उसका फिलहाल पीछे हटने का कोई इरादा नहीं है।

जनसत्ता के मुताबिक चीन ने लद्दाख के पैंगोंग त्सो इलाके में अपनी स्थिति मजबूत कर ली है। चीन ने विवादित इलाके फिंगर 4 पर एक हैलीपेड का निर्माण कर लिया है और साथ ही यहां अपने सैनिकों की तैनाती भी बढ़ा दी है। एक अधिकारी ने द इंडियन एक्सप्रेस के साथ बातचीत में बताया कि “यह सही है कि चीन ने पैंगोंग त्सो झील के उत्तरी तट पर अपनी स्थिति मजबूत कर ली है। अब उसने वहां एक हैलीपेड भी बना लिया है, जो कि इस इलाके में बीते 8 हफ्तों में किए गए कंस्ट्रक्शन में नया इजाफा है।”

अधिकारियों ने ये भी बताया कि “चीनी सेना अब फिंगर 3 की चोटी तक पेट्रोलिंग कर रही है। इस तरह से वह हमें फिंगर 2 तक सीमित रखना चाहते हैं।” एक अन्य अधिकारी के अनुसार, “चाइनीज हमें बता रहे हैं कि उनकी वापस जाने या अप्रैल से पहले वाली यथास्थिति बहाल करने की कोई इच्छा नहीं है। यही वजह है कि वह पैंगोंग त्सो में पीछे हटने की किसी भी बातचीत में रुचि नहीं दिखा रहे हैं।”

“हमने पर्याप्त संख्या में यहां सैनिकों की तैनाती की है लेकिन यहां कि भौगोलिक स्थिति के कारण हम पर यहां सामरिक रूप से कुछ प्रतिबंध हैं। कह सकते हैं कि इस इलाके में हमारे सामने काफी गंभीर चुनौती है।” एक अधिकारी ने यह जानकारी दी है।

दूसरी और चीन में भारत के राजदूत विक्रम मिस्री ने कहा कि दोनों देशों के बीच सैन्य टकराव न हो इसका एक मात्र उपाय ये है कि चीन LAC पर नए निर्माण करना तुरंत बंद करे। पीटीआई के साथ एक इंटरव्यू में विक्रम मिस्री ने कहा कि उन्हें भरोसा है कि चीन इस बाबत अपने दायित्वों को समझेगा और एलएसी पर तनाव को दूर करेगा और वहां से पीछे हटने की प्रक्रिया शुरू करेगा।

उन्होंने कहा कि चीन को बॉर्डर पार कर भारत की सीमा में आने और भारतीय जमीन पर निर्माण करने की अवैध हरकत को तुरंत बंद करना चाहिए। भारत के राजदूत ने गलवान घाटी पर चीन के किसी भी तरह के दावे को खारिज करते हुए कहा कि गलवान घाटी पर चीन की ओर से संप्रभुता का दावा बिल्कुल ही असमर्थनीय है और इस तरह बढ़ा चढ़ाकर दावा करने से चीन को किसी तरह का फायदा नहीं होने वाला है।

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