डोकलाम में चीन कर रहा निर्माण, भूभाग पर जताया अपना हक़

नई दिल्ली । क़रीब ढाई महीने चले गतिरोध के बाद चीन और भारत के बीच ‘डोकलाम’ विवाद सुलझ गया था। दोनो ही देशों ने विवादित जगह से अपनी सेनायें पीछे हटा ली थी। उस समय इसे मोदी सरकार की बड़ी कूटनीतिक जीत बताया गया था। लेकिन उस समय चीन ने चालबाज़ी के तहत अपनी सेनायें पीछे हटायी थी। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि चीन ने डोकलाम पर फिर दावा ठोका है। इसके अलावा चीन डोकलाम में निर्माण कार्य भी करा रहा है।

इस बारे में बताते हुए चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा की डोकलाम चीनी भूभाग है और चीन उस इलाके में अपने प्रतिष्ठान बना रहा है। न्यूज़ एजेन्सी भाषा के अनुसार चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चूनयिंग ने कहा कि डोकलाम विवाद मौजूदा तंत्र के ज़रिए हल किया जा सकता है। चूनयिंग की यह प्रतिक्रिया चीन में भारतीय राजदूत गौतम बंबावले के एक इंटरव्यू के बाद सामने आयी है।

चीनी ‘दैनिक ग्लोबल टाइम्स’ में छपे इस इंटरव्यू में उन्होंने कहा था,’ 3,488 किलोमीटर की सीमा के संवेदनशील क्षेत्रों में यथास्थिति में बदलाव नहीं किया जाना चाहिए।’ गौतम के इस बयान पर चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा की निश्चित रूप से हमने यह नोट किया कि राजदूत ने इस मुद्दे के संदर्भ में बयान दिया है। डोकलाम पर उन्होंने कहा की चीन-भारत सीमा का सिक्किम क्षेत्र इस ऐतिहासिक संधि से सीमांकित है और यह चीन के न्यायक्षेत्र में आती है।

चूनयिंग ने आगे कहा कि, ‘चीन ने हमेशा डोंगलांग (डोकलाम) समेत अपने सीमावर्ती इलाकों में संप्रभुता को कायम रखा है। मैं जोर देकर कहना चाहूंगी कि यह (इलाका) चीन की संप्रभुता में आता है, जिसमें हम डोंगलांग इलाके में प्रतिष्ठानों का निर्माण कर रहे हैं।कुछ भारतीय मीडिया में इलाके में सैन्य जमाव और आधारभूत संरचनाओं के निर्माण को लेकर खबरें आई हैं। वे इस बारे में काफी उत्साहित हैं।’ बताते चले की इस भाग पर भूटान अपनी संप्रभुता का दावा करता है।

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