नई दिल्ली | सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने एनसीआर रीजन में पठाखो की बिक्री पर रोक लगा दी. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में पटाखों की बिक्री और भंडारण पर रोक लगाने वाले नवंबर 2016 के आदेश को बरकार रखते हुए यह फैसला सुनाया. एन दिवाली से ठीक पहले लगी इस रोक के बाद काफी लोग इस फैसले से हैरान नजर आ रहे है. लोगो सवाल पूछ रहे है की पठाखो के बिना दिवाली कैसे मनाई जायेगी.
फ़िलहाल सोशल मीडिया पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर काफी बहस हो रही है. इस बहस में मशहूर लेखक और फिल्म निर्माता चेतन भगत भी कूद पड़े है. उन्होंने एक के बाद एक कई ट्वीट कर कोर्ट के फैसले पर सवाल खड़े किये है. साथ ही उन्होंने यह भी पुछा है की क्या किसी और धर्म के उन त्योहारों पर भी रोक लगेगी जिनमे खून बहाया जाता है और हिंसा होती है. इसके अलावा चेतन भगत ने उन लोगो को भी निशाने पर लिया जो दिवाली पर पठाखो को बैन करने के लिए एक अभियान चला रहे है.
अपने पहले ट्वीट में चेतन भगत ने लिखा,’ सुप्रीम कोर्ट ने दिवाली में पटाखे चलाने पर रोक लगा दी है? पूरी तरह से रोक? बच्चों के लिए बिना पटाखे की कैसी दिवाली?’ अपने अगले ट्वीट में चेतन भगत ने लिखा,’ क्या मैं पटाखों पर बैन पर पूछ सकता हूं? हिन्दुओं के त्योहारों के साथ ही ऐसा क्यों होता है? क्या बकरे काटने और मुहर्रम में खून बहाने पर रोक लगने जा रही है?’
चेतन भगत आगे लिखते है,’ दिवाली में पटाखे बैन कर देना वैसा ही है जैसे क्रिसमस पर क्रिसमस ट्री बैन कर दिया गया हो, और बकरीद पर बकरों को बैन कर दिया गया हो. चीजें दुरुस्त कीजिए, लेकिन प्रतिबंध मत लगाइए. हमें अपनी परंपराओं का सम्मान करना चाहिए.’ अगले ट्वीट में उन्होने लिखा, ‘ आज अपने ही देश में, उन्होंने बच्चों के हाथ से फुलझड़ी भी छीन ली. हैपी दिवाली मेरे दोस्त.’
उन्होंने आगे लिखा है कि जो लोग दिवाली के दौरान पटाखों पर रोक लगाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं मैं उन्हें इसी उत्साह के साथ दूसरे त्योहारों को भी रिफॉर्म करते हुए देखना चाहता हूं, जिन त्योहारों में खून और हिंसा भरी हुई है. यदि आपको वातावरण की चिंता है तो आपको अपने घर में एक सप्ताह के लिए बिजली बंद कर देनी चाहिए, कारों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. आप किस आधार पर दूसरों की परंपराओं पर रोक लगा रहे है?
आज अपने ही देश में, उन्होंने बच्चों के हाथ से फुलझड़ी भी छीन ली। हैपी दिवाली मेरे दोस्त।
— Chetan Bhagat (@chetan_bhagat) October 9, 2017
I want to see people who fight to remove crackers for Diwali show the same passion in reforming other festivals full of blood and gore.
— Chetan Bhagat (@chetan_bhagat) October 9, 2017
SC bans fireworks on Diwali? A full ban? What’s Diwali for children without crackers?
— Chetan Bhagat (@chetan_bhagat) October 9, 2017
Banning crackers on Diwali is like banning Christmas trees on Christmas and goats on Bakr-Eid. Regulate. Don’t ban. Respect traditions.
— Chetan Bhagat (@chetan_bhagat) October 9, 2017