कथित गौरक्षा के नाम पर अलवर में पीट-पीट कर की गई रकबर की हत्या के मामले में अलवर पुलिस ने शुक्रवार को रामगढ़ की सिविल कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी।
रामगढ़ पुलिस थाने के थानाधिकारी चौथमल जाखड़ ने बताया कि भादस की धारा 302 (हत्या) के तहत यह आरोपपत्र अलवर की अदालत में दाखिल किया गया है। तीन आरोपियों आईपीसी की धारा 302, 341, 323, 34 के तहत आरोप पत्र दाखिल किया है।
तीन आरोपियों में धर्मेंद्र यादव, परमजीत सिंह व नरेश कुमार हैं। इन आरोपियों में विश्व हिंदू परिषद का कार्यकर्ता नवल किशोर भी शामिल है। प्रदेश के गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया की ओर से रकबर की मौत पुलिस हिरासत में होने की बात माने जाने के बाद भी चार्जशीट में किसी पुलिसकर्मी को दोषी नहीं बताया गया है।
इस मामले में एक एएसआई को निलंबित किया गया जबकि तीन सिपाहियों को लाइन हाजिर किया गया। बावजूद उनमे से किसी का भी नाम शामिल नहीं किया गया। पुलिसकर्मियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल नहीं करने पर अलवर पुलिस ने सफाई दी है कि उनके खिलाफ मजिस्ट्रेट जांच चल रही है। जांच के बाद ही तय होगा कि वे दोषी हैं या नहीं।
कोर्ट में पेश 25 पेज की चार्जशीट में एफएसएल रिपोर्ट नहीं थी। कोर्ट ने एक बार इसे अस्वीकार कर दिया। उपाधीक्षक (द.) अशाेक चाैहान ने 1 माह में विसरा रिपोर्ट पेश करने की अंडरटेकिंग दी। तब कोर्ट ने चार्जशीट स्वीकारी।