नई दिल्ली: लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने के मुद्दे पर मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा है कि चुनाव एक साथ कराना फिलहाल संभव नहीं है।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि अगर चरणबद्ध तरीके से कराया जाए तो कई राज्यों के चुनाव आम चुनावों के साथ संभव हैं। चुनाव आयुक्त ने कहा कि देश में पहले चार चुनाव एक साथ ही थे। अगर कानून में संशोधन हो, मशीनें पर्याप्त हों और सुरक्षाकर्मी जरूरत के हिसाब से हों, तो ऐसा संभव है।
उन्होने बताया कि कमीशन एक साथ चुनाव कराने के लिए अचानक से अतिरिक्त मशीनों का ऑर्डर नहीं दे सकता है, इसके लिए लीगल फ्रेमवर्क की जरूरत होगी। दूसरे शब्दों में कहें तो कानूनी तौर पर एक साथ चुनाव को मान्यता मिलने तक चुनाव आयोग कोई अतिरिक्त मशीन का ऑर्डर नहीं दे सकता है।
#WATCH: Chief Election Commissioner, OP Rawat, says, "simultaneous elections are possible given the required legal framework is in place. Extra polling personnel, security, & VVPATs will also be needed." pic.twitter.com/xA5GVQKeh7
— ANI (@ANI) August 14, 2018
चुनाव आयोग के सूत्रों के अनुसार, यदि लोकसभा और कई राज्यों में चुनाव एकसाथ होते हैं तो 34 लाख बैलट यूनिट, 26 लाख कंट्रोल यूनिट और 27 लाख वीवीपैट मशीनों की जरूरत होगी। यह संख्या किसी संसदीय चुनाव के लिए आवश्यक ईवीएम की संख्या से दुगुनी है।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि एक साथ चुनाव बिल्कुल कराए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि देश के पहले 4 चुनाव 1967 तक एक साथ हुए हैं। मशीनें पर्याप्त हों, सुरक्षाकर्मी पर्याप्त हों और कानूनी प्रावधान हों, तो इसमें कोई दिक्कत नहीं है। बता दें कि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने इस मुद्दे पर विधि आयोग को पत्र लिखा था।