भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर जारी तनाव में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होने गुरुवार को कहा कि भारत को उत्तरी और पश्चिमी मोर्चो पर समन्वित कार्रवाई का खतरा है।
अमेरिका-भारत की रणनीतिक और साझेदारी फोरम (यूएस-इंडिया स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप फोरम) में जनरल रावत ने कहा, “हम अपनी सीमाओं के पार शांति चाहते हैं। बीते कुछ समय से हम चीन की ओर से की जा रही कुछ आक्रामक कार्रवाइयां देख रहे हैं, लेकिन हम इनसे निपटने में सक्षम हैं। हमारी तीनों सेनाएं सीमाओं पर उत्पन्न होने वाले सभी खतरों से निपटने में सक्षम हैं।”
अमेरिका-भारत रणनीतिक साझेदारी फोरम में एक संवाद सत्र में जनरल रावत ने कहा कि क्षेत्रीय मामलों से निपटने की भारत की नीति को भरोसेमंद सैन्य शक्ति और क्षेत्रीय प्रभाव का समर्थन नहीं देने का मतलब ‘क्षेत्र में चीन के दबदबे को स्वीकार कर लेना’ निकाला जाएगा। पूर्व सेना प्रमुख ने कहा कि भारत परमाणु से लेकर अर्द्ध-परंपरागत तक हर संभावित संघर्ष के सर्वाधिक जटिल खतरों और चुनौतियों का सामना कर रहा है, लेकिन उन्होंने जोर देकर कहा कि सैन्य बल उनसे निपटने के लिए तैयार हैं।
जनरल रावत ने ऑनलाइन कार्यक्रम में कहा, ‘‘भारत चीन की कुछ आक्रामक हरकतों को देखता आ रहा है, पर हम इनसे समुचित ढंग से निपटने में सक्षम हैं।” उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि पाकिस्तान अगर चीन के साथ भारत के सीमा विवाद का फायदा उठाते हुए हमारे देश के खिलाफ कोई दुस्साहस करने की कोशिश करता है तो वह भारी नुकसान उठाएगा, हमने इससे निपटने के लिए पर्याप्त सावधानियां बरती हैं।
इस दौरान पाकिस्तान को चेताते हुए उन्होने कहा कि,पाक ने किसी भी तरह का दुस्साहस किया, तो उसके लिए ठीक नहीं होगा, उसे भारी नुकसान होगा। पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर में समस्याएं पैदा करने के लिए प्रॉक्सी वार (छद्म युद्ध) शुरू कर रहा है। वह उत्तरी सीमाओं पर विकसित होने वाले किसी भी खतरे का फायदा उठाकर हमारे लिए मुसीबत खड़ी कर सकता है, लेकिन यदि वह भारत के खिलाफ कोई भी दुस्साहस करता है तो उसे भारी नुकसान होगा। हमने इसके लिए पूरी तरह सावधान हैं।