केंद्र की मोदी सरकार द्वारा जबरन छुट्टी पर भेजे सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा ने 77 दिन बाद बुधवार को अपनी ड्यूटी जॉइन कर ली है। ड्यूटी जॉइन करने के साथ सबसे पहले उन्होने तत्कालीन निदेशक (प्रभारी) एम नागेश्वर द्वारा किये गये लगभग सारे तबादले रद्द कर दिये।
उच्चतम न्यायालय ने वर्मा को छुट्टी पर भेजने के सरकारी आदेश को कल रद्द कर दिया था। वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के बीच तकरार शुरु होने के बाद सरकार ने दोनों को छुट्टी पर भेज दिया था और उनके सारे अधिकार ले लिये थे।
उसके बाद 1986 बैच के ओड़िशा काडर के आईपीएस अधिकारी राव को 23 अक्टूबर, 2018 को देर रात को सीबीआई निदेशक के दायित्व और कार्य सौंपे गये थे। अधिकारियों के अनुसार अगली सुबह ही राव ने बड़े पैमाने पर तबादले किये।

उनमें अस्थाना के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले की जांच करने वाले अधिकारी जैसे डीएसपी ए के बस्सी, डीआईजी एम के सिन्हा, संयुक्त निदेशक ए के शर्मा भी शामिल थे। एक अधिकारी ने पहचान उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया कि वर्मा ने बुधवार को अपना दायित्व संभाल लिया और राव द्वारा किये गये सारे तबादले रद्द कर दिये।
गौरतलब है कि आलोक वर्मा 31 जनवरी को रिटायर होंगे। हालांकि फिलहाल उन्हे
नीतिगत फैसले लेने का अधिकार नहीं होगा।