श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती पर पब्लिक सेफ्टी एक्ट (PSA) लागू किया गया है। पिछले साल अगस्त में जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद से ही ये दोनों नेता नजरबंद चल रहे हैं।
इससे पहले नेशनल कॉन्फ्रेंस के महासचिव अली मोहम्मद सागर और पीडीपी नेता सरताज मदनी पर पीएसए लगाया गया था। इन दोनों नेताओं को एमएलए हॉस्टल से गुपकर स्थिक एम5 में भेज दिया गया। नेशनल कॉन्फ्रेंस के एक और नेता बशीद अहमद वीरी को भी एमएलए हॉस्टल से हटाकर श्रीनगर स्थित जवाहर नगर इलाके में उनके आधिकारिक आवास में भेज दिया गया।
Jammu & Kashmir: National Conference’s General Secretary Ali Mohammad Sagar and senior PDP leader Sartaj Madni also detained under Public Safety Act (PSA). Both these leaders are under detention since 5th August. https://t.co/5ag1b10y3g
— ANI (@ANI) February 6, 2020
जन सुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत दो प्रावधान हैं-लोक व्यवस्था और राज्य की सुरक्षा को खतरा। पहले प्रावधान के तहत किसी व्यक्ति को बिना मुकदमे के छह महीने तक और दूसरे प्रावधान के तहत किसी व्यक्ति को बिना मुकदमे के दो साल तक हिरासत में रखा जा सकता है।
Ms Mufti received a PSA order sometime back.Slapping the draconian PSA on 2 ex J&K CMs is expected from an autocratic regime that books 9 year olds for ‘seditious remarks’. Question is how much longer will we act as bystanders as they desecrate what this nation stands for?
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) February 6, 2020
इस बीच पीएसए लगने के बाद महबूबा मुफ्ती के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट भी किया गया है। ट्वीट में मुफ्ती पर पीएसए लगाए जाने की जानकारी देते हुए लिखा गया है, ‘इस तानाशाही सरकार से राज्य के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों पर पीएसए जैसा कठोर कानून लगाने की उम्मीद कर सकते हैं, जिसने 9 साल के बच्चे पर भी देशद्रोही टिप्पणी के लिए केस किया हो। देश के मूल्यों को अपमान किया जा रहा है, ऐसे में हम कब तक दर्शक बने रहेंगे।’ बता दें कि महबूबा का ट्विटर अकाउंट उनकी बेटी संभालती हैं।