केंद्र सरकार द्वारा लिए गए नोटबंदी के फैसले पर कड़ी टिप्पणी करते हुए कोलकाता हाईकोर्ट ने कहा कि “केंद्र ने सही तरीके से सोच विचार कर ये फैसला नहीं लिया है.”
हाईकोर्ट ने कहा कि नोटबंदी को लेकर सरकार रोज नए-नए फैसले ले रही है और अगले दिन उसे बदल दे रही है. फैसलों को ऐसे रोज बदलना ठीक नहीं है. बैंकों और एटीएम के बाहर लंबी लाइनों से लोग परेशान हो रहे हैं. अस्पतालों में कैश की वजह से जरूरी इलाज नहीं हो पा रहा है. अपने बेटे की बीमारी का उदहारण देते हुए जज ने कहा, ‘मेरे बेटे को डेंगू है, लेकिन अस्पताल वाले कैश नहीं ले रहे हैं.’
इसके अलावा हाईकोर्ट ने जनता को आसानी से पैसा मुहैया नहीं कराने के लिए बैंक कर्मचारियों की आलोचना करते हुए कहा कि ”मैं सरकार के फैसले को बदल नहीं सकता, लेकिन बैंक कर्मचारियों की प्रतिबद्धता होनी चाहिए.”
कोर्ट ने मोदी सरकार को आदेश दिया है कि वह जरूरी कदम उठाकर 25 नवंबर तक जनता की परेशानी कम करे. गौरतलब है कि सरकार ने आठ नवंबर को 500 और 1,000 रुपये के नोट अमान्य करने का फैसला किया था.