अयोध्या में बाबरी मस्जिद विवाद को लेकर पूर्व सांसद और अखिल भारतीय भिक्षु संघ के नायक भन्ते धम्म विरिओ ने दावा करते हुए कहा किआज जो विवाद है राम जन्म भूमि और बाबरी मस्जिद पर दरअसल यह स्थान न तो ब्राह्मणों का है और न ही मुस्लिम का बल्कि यह बौध विहार है जिसकी पुष्टि यहाँ की खुदाई करके की जा सकती है.
उन्होंने आगे कहा कि यह बात प्रमाणित है की ब्राह्मणों के राजा पुष्य मित्र शुंग जिसे ब्राह्मण परशुराम कहते है उसने दोखे से सम्राट अशोक के पौत्र को मार कर कर सत्ता हथिया ली थी और बौध लोगो का नरसंहार किया था इसमें एक बात और जानने वाली है की पुष्यमित्र शुंग ने बौध गर्भवती महिलाओं के पेट फाड़ कर उनके बच्चे निकाल कर तब उनकी हत्या की थी.
उन्होंने हिन्दू धार्मिक ग्रंथों पर सवाल उठाते हुए कहा. देश के मूलनिवासियो के अंत का इसके बाद दूसरी से छट्ठी शताब्दी तक ब्राह्मणों ने अपने इन अत्याचारों को सामाजिक और धार्मिक रूप देने के लिए तरह तरह की ग्रन्थ भी रच लिए और जानबूझ कर इन धार्मिक ग्रंथो में तारीख नहीं डाली ताकि यह प्रमाणित ही न हो सके की ये ग्रन्थ कब लिखे गए
ब्राह्मणों ने इन ग्रंथो में अपने आपको सर्वोच स्थान पर रखा और मूलनिवासियो को नीच , चंडाल बना दिया , ये ग्रन्थ के संदेश बाद में धीरे धीरे व्यापक रूप से इन लोगो ने प्रचारित कर दिए . अयोध्या ही नहीं देश के बड़े बड़े मंदिर बौध मठो को तोड़ कर ही बनाए गए है चाहे वो बदरीनाथ हो केदार नाथ और या कोईन और. क्योकि अगर ये ग्रन्थ इनके सच्चे होते तो इन ग्रंथो को प्रमाणित करने वाले सबूत भी मिलते जैसे शिल्प, महल, सिक्के आदि.