महाराष्ट्र सरकार ने कहा है कि कोराना वायरस से मरने वाले व्यक्ति के शव को जलाया जाना जाएगा, चाहे वह किसी भी धर्म का हो। उसे दफनाने की अनुमति नहीं होगी। अंतिम संस्कार में केवल पांच लोग शामिल होंगे।
बीएमसी प्रमुख प्रवीण परदेसी ने सोमवार को जानकारी दी कि कोरोना के संक्रमण से मरने वालों का कोई भी धर्म हो, उनका अंतिम सरकार किया जाएगा। साथ ही अंतिम संस्कार में पांच लोग से ज्यादा शामिल नहीं हो सकेंगे।
डब्लूएचओ की गाइडलाइंस में शव को आइसोलेशन रूम या किसी क्षेत्र से इधर-उधर ले जाने के दौरान शव के फ्लूइड्स के सीधे संपर्क में आने से बचने के लिए निजी सुरक्षा उपकरणों का समुचित इस्तेमाल करने का सुझाव दिया गया है।
All bodies of #COVID19 patients should be cremated irrespective of religion. Burial will not be allowed. The funeral should not involve more than 5 people: Praveen Pardeshi, Commissioner of Brihanmumbai Municipal Corporation (BMC) #Mumbai #Maharashtra pic.twitter.com/Bafy6DBiJ3
— ANI (@ANI) March 30, 2020
डब्लूएचओ के अनुसार मुर्दाघर कर्मियों और अंतिम संस्कार करने वालों के हाथों को पूरी तरह से साफ रखने जैसी मानक एहतियात बरतने की जरूरत है। निजी सुरक्षा उपकरणों का इस्तेमाल करना भी जरूरी है। अगर शव से फ्लूइड्स या स्त्राव के छीटें आने की संभावना हो तो चेहरे की सुरक्षा करने वाले उपकरणों का इस्तेमाल भी करना चाहिए।
विश्व स्वास्थ्य संगठन कहता है कि मुर्दाघर कर्मियों और अंतिम संस्कार करने वालों को हाथों को समुचित रूप से साफ रखने जैसी मानक एहतियात बरतनी चाहिए और उचित निजी सुरक्षा उपकरणों का इस्तेमाल करना चाहिए। अगर शव से फ्लूइड्स या स्त्राव के छीटें आने की संभावना हो तो चेहरे की सुरक्षा करने वाले उपकरणों का इस्तेमाल भी करना चाहिए।