तवांग में एक हेलिकॉप्टर दुर्घटना में सात सैन्यकर्मियों की मृत्यु के बाद उनके शवों के अपमान का मामला सामने आया है. मृतक सैनिकों के शवों को रद्दी और प्लास्टिक पन्नियों में लपेटकर भेजा गया.
इस बात का जानकारी उस वक्त सामने आई, जब उत्तरी सैन्य कमान के पूर्व कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) एचएस पनाग ने शवों की तस्वीरों को ट्वीट किया. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, ‘‘सात युवा अपनी मातृभूमि भारत की सेवा करने के लिए कल दिन के उजाले में निकले. और वे अपने घर इस तरह आए.’’
Seven young men stepped out into the sunshine yesterday, to serve their motherland. India.
This is how they came home. pic.twitter.com/OEKKcyWj0p— Lt Gen H S Panag(R) (@rwac48) October 8, 2017
तस्वीरों के सामने आने के बाद देश की जनता में काफी रोष है. हालांकि इस मामले सेना की और से बयान जारी कर कहा गया कि स्थानीय संसाधनों से शवों को लपेटना ‘भूल’ थी और मृत सैनिकों को हमेशा ही पूर्ण सैन्य सम्मान दिया गया है.
बयान में कहा गया है ‘‘मृत सैनिकों को हमेशा पूर्ण सैन्य सम्मान दिया जाता है. शवों को बॉडी बैग्स, लकड़ी के बक्से, ताबूत में लाया जाना सुनिश्चित किया जाएगा.’’
बयान में कहा गया कि गुवाहाटी बेस अस्पताल में पोस्टमार्टम के तुरंत बाद शवों को पूर्ण सैन्य सम्मान के साथ लकड़ी के ताबूत में रखा गया. ‘‘ शवों को पूर्ण सैन्य सम्मान के साथ श्रद्धांजलि देने के बाद सभी जवानों के शवों को उनके परिजन के पास भेजा गया.’’