बीते कुछ दिनों से लगातार भगवा ब्रिगेड की और से अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय को एक सुनियिजित तरीके से लगातार निशाना बनाया जा रहा है. पहले यूनिवर्सिटी में आरएसएस की शाखा लगाने की बात कही गई फिर जिन्ना की तस्वीर का मुद्दा बनाया गया. लेकिन देखा जाए तो भगवा ब्रिगेड का निशाना कुछ और ही था.
दरअसल, एएमयू में आज यानी 2 मई को पूर्व राष्ट्रपति हामिद अंसारी को आजीवन मानद सदस्यता दी जानी है. हामिद अंसारी शुरू से ही भगवा ब्रिगेड की आखों में किरकिरी बने रहे है. कई मौकों पर भगवा नेताओं ने उन्हें निशाना बनाने की कोशिश की. 2015 में गणतंत्र दिवस पर तिरंगे को सलामी न दिए जाने निशाना बनाया गया था. हालांकि उन्होंने ऐसा प्रोटोकाल के चलते किया था. प्रोटोकाल के मुताबिक़ तिरंगे को सलामी सिर्फ राष्ट्रपति ही दे सकते हैं.
इस सबंध में एएमयू में इतिहास के प्रोफ़ेसर मोहम्मद सज्जाद कहते हैं कि ”एएमयू में आज यानी 2 मई को हामिद अंसारी को आजीवन मानद सदस्यता दी जानी है. हामिद अंसारी को इन लोगों ने पहले से ही साइड किया हुआ है. सोच ये भी है कि भारत के मुसलमानों को गिल्ट में डालो. गिल्ट कि मुस्लिम बंटवारे के लिए ज़िम्मेदार हैं और देशविरोधी हैं. ताकि इसके नाम पर ध्रुवीकरण किया जा सके. कैराना उपचुनाव और 2019 लोकसभा चुनाव सामने हैं. बेरोजगारी, मंहगाई पर कुछ किया नहीं है. बस ध्रुवीकरण करना ही इनका मकसद है.”
वहीँ एएमयू छात्रसंघ के अध्यक्ष मशकूर अहमद उस्मानी सवाल उठाते हुए कहते है, ”स्टूडेंट यूनियन स्वतंत्र संस्थान है. इस बॉडी के कामों में कोई दख़ल नहीं दे सकता. हम जिन्ना की विचारधारा का विरोध करते हैं लेकिन उनकी तस्वीर होना बस एक ऐतिहासिक तथ्य है. तस्वीर का होना ये साबित नहीं करता है कि छात्र जिन्ना से प्रेरणा लेते हैं.”
उस्मानी कहते हैं, ”जिन्ना को सदस्यता 1938 में मिली और तभी तस्वीर लगी. बाद के सालों में वो पाकिस्तान चले गए या उन्होंने बंटवारे के बीज बोए और अगर आप कह रहे हैं कि जिन्ना की तस्वीर उतारिए तो आप लोग भी जिन्ना हाउस का नाम बदलिए. हम भी तब तस्वीर उतार देंगे.”
छात्रसंघ अध्यक्ष उस्मानी कहते हैं, ”ये लोग जिन्ना की तस्वीरों बात करते हैं लेकिन गांधी की हत्या के अभियुक्त सावरकर को भूल जाते हैं. देश की संसद, जहां संविधान की रक्षा होती है वहां सावरकर की तस्वीर क्यों लगाई हुई है. फिर सावरकर की तस्वीर भी हटाइए. जब आप इतिहास को ख़त्म करना चाह रहे हैं तो सारी बातें सामने आनी चाहिए.”
बता दे कि भारत में कई और भी जगहें जिन्ना की तस्वीरें लगी हुई हैं. मुंबई के इंडियन नेशनल कांग्रेस के दफ्तर में 1918 से जिन्ना की तस्वीर लगी हुई है. मुंबई में जिन्ना हाउस भी है.