नई दिल्ली | 2012 में हुए निर्भया गैंगरेप मामले ने पुरे देश को झकझोर कर रख दिया था. वो यादे आज भी ताजा है. 16 दिसम्बर को वो सर्द रात जब एक लड़की अपने दोस्त के साथ बस में बैठती है तो शायद उसे भी नही पता होता की नियति उसके साथ क्या खेल खेलने वाली है. उसे नही मालूम की इस बस में बैठे 5 लोग इंसान के भेष में शैतान है. उस वारदात को याद करते हुए हमारी रुंह कांप जाती है जबकि उस बहादुर बेटी ने उसका सामना किया.
सोचिया उस परिवार पर क्या गुजरी होगी जिसके आँगन में खेलकर निर्भया बड़ी हुई. उस माँ पर क्या बीती होगी जिसने उसे 9 महीने अपनी कोक में पाला. उस पल को याद करते हुए निर्भया की माँ की आंखे आंसुओ से भर जाती है. वो कहती है की हमने निर्भया के रूप में बहुत सारे सपने देखे थे. फ़िलहाल उस घटना को हुए पांच साल हो चुके है. इस दौरान निर्भया के परिवार ने काफी उतार चढाव देखे.
लेकिन इस दुःख भरे दिनों में काफी लोगो ने निर्भया के परिवार की मदद की. इस बारे में बताते हुए निर्भया की माँ कहती है की निर्भया के जाने के बाद हम सब टूट गए थे, सब बिखर गया था. उस समय बहुत से लोग हमारी मदद के लिए आगे आये. इनमे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गाँधी भी शामिल थे. इसके लिए मैं उनका शुक्रिया अदा करती हूँ. निर्भया की माँ ने एक अंग्रेजी अख़बार से बात करते हुए उक्त बाते कही.
उन्होंने बताया की निर्भया के जाने के बाद राहुल जी ने मदद का हाथ बढाया. उनकी बदौलत ही मेरा बेटा पायलट बना. उन्होंने आगे कहा की 2013 में सीबीएसई की परीक्षा देने के बाद उनके बेटे ने रायबरेली की इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान एकेडमी में एडमिशन ले लिया. उसके रहने, खाने और पढ़ने का सारा खर्चा राहुल गांधी ने उठाया. वो समय समय पर फ़ोन कर उनके बेटे को प्रोत्साहित भी करते थे.