नई दिल्ली । केंद्र में मोदी सरकार बनने के बाद देश में दक्षिणपंथी हिंदू संगठनो का प्रभाव बढ़ा है। इसका असर यह हुआ की देश में गौरक्षको की कथित गुंडागर्दी और माब लिंचिंग जैसी घटनाओं में वृद्धि हो गयी। पीछले दो साल में गौरक्षा के नाम पर कई लोगों की जान गयी है और कई लोग माब लिंचिंग का शिकार हो चुके है। फ़िलहाल देश को हिंदू मुस्लिम के नाम पर बाँटने का खेल खेला जा रहा है जिससे की चुनावों में वोटों का धुर्विकरण किया जा सके।
हालाँकि केंद्र सरकार इस बात से इंकार करती आयी है। लेकिन इकॉनमिस्ट इंटेलिजेन्स यूनिट की एक रिपोर्ट में भी इस चीज़ का ख़ुलासा हुआ है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में दक्षिणपंथी हिन्दू संगठनो की मज़बूती से देश के लोकतंत्र को ख़तरा पैदा हुआ है। इस रिपोर्ट में मीडिया की आज़ादी पर भी सवाल खड़े किए गए है। इसके अलावा कुछ मानको में भारत की स्थिति को बेहतर बताया गया है।
इकोनॉमिस्ट इंटेलिजेंस यूनिट के वार्षिक ग्लोबल डेमोक्रेसी इंडेक्स में भारत को 42 वा स्थान दिया गया है। जबकि पीछले साल भारत 32 स्थान पर था। भारत की रैंकिंग में आयी इस गिरावट की वजह बताते हुए रिपोर्ट में लिखा गया की,’ कट्टरवादी धार्मिक विचारधाराओं ने भारत के लोकतंत्र को बुरी तरह से प्रभावित किया है, दक्षिणपंथी हिंदू संगठनों की मजबूती और उनसे सेक्युलर देश पर जो खतरा बढ़ा है उसके पीछे की बड़ी वजह है गौरक्षकों का आतंक और मॉब लिंचिंग जैसी घटनाएं है,’
रिपोर्ट में आगे कहा गया कि,’ भारत में अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा है। ‘चुनावी प्रक्रिया’ और ‘विविधता’ में भारत की स्थिति बेहतर है।’ मीडिया की स्थिति पर रिपोर्ट में कहा गया कि भारत में मीडिया को आंशिक आज़ादी है। यहाँ मीडिया को सरकार से, सेना से और कट्टरपंथी संगठनो से ख़तरा है। यही वजह है की यहाँ के पत्रकार अपना काम बख़ूबी से नही कर पा रहे है। अगर रिपोर्ट की बात मानी जाए तो इसका अर्थ यह है की भारत में मीडिया स्वतंत्र नही है।
The 2017 edition of the Democracy Index records the worst decline in global democracy in years. Freedom of expression is facing new challenges from both state and non-state actors, and is a special focus of this year’s report. Download now to learn more: https://t.co/op5DNjaJsB pic.twitter.com/E5lqq82aPr
— The Economist Intelligence Unit (@TheEIU) January 31, 2018