जैसलमेर | नोट बंदी के बाद केवल हिंदुस्तान के लोग ही नही बल्कि विदेशी भी मुश्किलों के हालात का सामना करने को मजबूर है. नेपाल की स्थिति तो हमारे सामने है ही लेकिन अब पाकिस्तान से हिंदुस्तान आये हिन्दू भी नोट बंदी के बाद मुसीबत का सामना कर रहे है. इन लोगो के सामने भूखे मरने के नौबत आ गयी है. फ़िलहाल इन लोगो को राहत मिलती नजर नही आ रही है.’
जैसलमेर में रह रहे प्रवासी हिन्दू आजकल नयी मुसीबत का सामना कर रहे है. इनके लिए हिंदुस्तान में रहना एक बुरा सपना साबित हो रहा है. जब ये लोग पाकिस्तान से हिंदुस्तान आये तो इन्होने वापिस जाने से इनकार कर दिया. इनमे से काफी लोग जैसलमेर में रह रहे है. ये लोग मजदूरी कर अपना लालन पोषण करते है. लेकिन नोट बंदी के बाद इनके लिए जिन्दगी जीना दूभर हो रहा है.
दरअसल मजदूरी करने के बाद इनके पास जो रकम इकठ्ठा हुई थी वो 500 और 1000 के नोट में है. अब चूँकि नोट बंदी हो गयी है इसलिए इनके पास जितना पैसा था वो अब कागज के टुकड़े के अलावा कुछ नही रहा . हालांकि सरकार ने पुराने नोट को बदलने के लिए 50 दिन का समय दिया हुआ है लेकिन केवल वो लोग अपना पैसा बदल सकते है जिनके पास या तो बैंक अकाउंट हो या कोई पहचान पत्र.
चूँकि पाकिस्तान से आये हिन्दुओ के पास न तो कोई पहचान पत्र है और न ही उनके पास कोई बैंक अकाउंट है इसलिए इन लोगो के सभी रास्ते अब बंद होते दिख रहे है. स्थानीय लोग भी इनकी मदद नही कर रहे है. यहाँ रहने वाले एक प्रवासी हिन्दू राज बहादुर और किशन चंद ने बताया की हमारे पास जितने भी 500 और 1000 के नोट थे उनको बदलने के लिए हमारे पास कोई साधन नही है.
राज बहादुर ने कहा की हम भूखे मरने के कगार पर है. पहले कुछ दुकानदारों ने हमें उधार भी दिया लेकिन अब उन्होंने भी हाथ खड़े कर लिए है. हम कहाँ जाये, अपने बच्चो का भरण पोषण कैसे करे, हमारे सामने यह सबसे बड़ा सवाल है. हम केंद्र सरकार से हमारी मदद करने की गुहार लगाते है. हिन्दुओ के ऊपर अपनी राजनीती चमकाने वाले कुछ राजनीतीक दलों और संगठनों के लिए परीक्षा की घडी है. देखते है इनकी आवाज उन लोगो तक कब पहुँचती है.