लॉक डाउन के बीच भूखे-प्यासे बरेली पहुंचे प्रवासी मज़दूरों के साथ प्रशासन अमानवीय व्यवहार सामने आया है। यहां कर्मचारियों ने दूसरी जगहों से आए बच्चों, महिलाओं और पुरुषों को सैनिटाइज करनेके लिए सड़क पर बैठा कर खुले आम केमिकल के पानी से नहलाया। इसका एक वीडियो सामने आया है।
वीडियो वायरल होते ही जिलाधिकारी ने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। बरेली के जिला मजिस्ट्रेट नीतीश कुमार ने सोमवार को कहा कि वह प्रवासी मजदूरों के ऊपर कथित तौर पर पानी के साथ कीटाणुनाशक मिश्रण का छिड़काव करने के आरोपों की जांच करेंगे।
INHUMAN:-Bareilly UP.
UP प्रशासन का अमानवीय चेहरा
बरेली ज़िले में दिल्ली, हरियाणा,नोएडा से आए सैकड़ों मज़दूरों और बच्चों को ज़मीन पर बैठा कर उनके ऊपर Disinfectant का छिड़काव किया गया,जिसके बाद बहुत सारे बच्चों ने अपनी आंखों में जलन की शिकायत की..via @Benarasiyaa pic.twitter.com/Hp1dqoN0x6— Saurabh shukla (@Saurabh_Unmute) March 30, 2020
अग्निशमन विभाग के एक अधिकारी के मुताबिक, “पानी को सोडियम हाइपोक्लोराइट (लिक्विड ब्लीच) के साथ मिलाया गया है।” इस अधिकारी ने बताया कि वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर यह कार्रवाई की गई। इसके बाद बहुत सारे बच्चों ने अपनी आंखों में जलन की शिकायत की।
डिस्ट्रिक्ट फायर ऑफिसर ने इस मामले को लेकर कहा, “इस तरह के केमिकल को ह्यूमन बॉडी में डालने के लिए सख्त मना किया गया है। ये सिर्फ निर्जीव वस्तुओं जैसे दीवारों पर मेटल पर और सड़कों पर डालने के लिए है। इंसान के शरीर पर इससे नुकसान भी हो सकता है।”
2. बेहतर होता कि केन्द्र सरकार राज्यों का बाॅर्डर सील करके हजारों प्रवासी मजदूरों के परिवारों को बेआसरा व बेसहारा भूखा-प्यासा छोड़ देने के बजाए दो-चार विशेष ट्रेनें चलाकर इन्हें इनके घर तक जाने की मजबूरी को थोड़ा आसान कर देती।
— Mayawati (@Mayawati) March 30, 2020
इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने इसकी निंदा की है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘देश में जारी जबर्दस्त लॉकडाउन के दौरान जनउपेक्षा व जुल्म-ज्यादती की अनेकों तस्वीरें मीडिया में आम हैं परन्तु प्रवासी मजदूरों पर यूपी के बरेली में कीटनााशक दवा का छिड़काव करके उन्हें दण्डित करना क्रूरता व अमानीवयता है जिसकी जितनी भी निन्दा की जाए कम है। सरकार तुरन्त ध्यान दे।
उन्होने कहा, बेहतर होता कि केन्द्र सरकार राज्यों का बॉर्डर सील करके हजारों प्रवासी मजदूरों के परिवारों को बेआसरा व बेसहारा भूखा-प्यासा छोड़ देने के बजाए दो-चार विशेष ट्रेनें चलाकर इन्हें इनके घर तक जाने की मजबूरी को थोड़ा आसान कर देती।’
वहीं समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस मुद्दे पर प्रदेश की योगी सरकार को घेरते हुए ट्वीट कर पूछा, ”यात्रियों पर सेनिटाइजेशन के लिए किए गए केमिकल छिड़काव से उठे कुछ सवाल: – क्या इसके लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन के निर्देश हैं? – केमिकल से हो रही जलन का क्या इलाज है? – भीगे लोगों के कपड़े बदलने की क्या व्यवस्था है? – साथ में भीगे खाने के सामान की क्या वैकल्पिक व्यवस्था है?