कोरोना वायरस संक्रमितों का पता लगाने के लिए चीन से मंगाए गए रेपिड टेस्ट किट के इस्तेमाल पर राजस्थान सरकार ने रोक लगा दी है। स्वास्थ्य मंत्री मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने दावा किया है कि इन किट्स की एक्यूरेसी 90 प्रतिशत होनी चाहिए थी। लेकिन, यह महज 5.4 प्रतिशत ही आ रही है।
उन्होंने बताया कि इसके बारे में भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) को पत्र लिखा है। उन्होंने संकेत दिए कि ICMR से अनुकूल जवाब नहीं मिलने पर इन किट को वापस भी भेजा जा सकता है। मंत्री ने कहा, ”पहले ही संक्रमित पाए गए 168 मामलों में इस किट से परीक्षण किया गया, लेकिन इसका परिणाम केवल 5.4 प्रतिशत ही सही आ रहा है और जब परिणाम सही नहीं हैं तो इससे परीक्षण करने का क्या फायदा है।’
उन्होंने कहा, ”वैसे भी ये परीक्षण अंतिम नहीं थे, क्योंकि बाद में पीसीआर टेस्ट करना होता था। हमारे चिकित्सकों के दल ने सलाह दी है कि इससे जांच का कोई फायदा नहीं है। उन्होंने बताया कि टेस्टिंग के वक्त ICMR की तापमान सहित अन्य गाइडलाइन का पूर्णतया पालन किया गया था ।
We didn't leave any procedural loophole. We kept in mind ICMR guidelines for testing. Still it didn't meet the standards, so we stopped the rapid tests. We've written to ICMR that we won't conduct it as the accuracy is questionable. We're waiting for a reply: Rajasthan Health Min https://t.co/Z24UvtRTCK
— ANI (@ANI) April 21, 2020
बता दें कि राजस्थान में कोरोना वायरस संक्रमण के मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए राज्य सरकार ने संभावित मरीजों को पता लगाने के लिए 50 हजार रेपिड टेस्ट किट मंगवाए थे। ICMR के जरिए राज्य सरकार को 168 टेस्ट किट उपलब्ध कराए गए। जब इन रेपिड टेस्ट किट के जरिए संक्रमितों का परीक्षण किया गया तो ये बात सामने आई कि ये पहले से पाॅजिटिव मरीजों को भी निगेटिव बता रहा है।
इससे पहले पश्चिम बंगाल सरकार ने रविवार को केंद्र सरकार पर ख़राब कोरोना वायरस टेस्ट किट देने का आरोप लगाया था। राज्य सरकार की ओर से जारी ट्वीट में आईसीएमआर-नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ कॉलेरा एंड इंटेरिक डिज़ीज़ेज़ पर ख़राब टेस्ट किट भेजने का आरोप लगाया था। जिसकी वजह से बार-बार परिणाम गलत आ रहे थे।