बाबरी मस्जिद को शहीद करने के मुख्य आरोपियों में से एक बीजेपी के वयोवृद्ध नेता पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने सीबीआई की विशेष अदालत के समक्ष शुक्रवार को अपना बयान दर्ज कराया। उन्होने वीडियो कांफ्रेंस के जरिए अपना बयान दर्ज कराया।
बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने सीबीआई के सभी आरोपों को सिरे से नकार दिया। उन्होंने अपने बयान में कहा, ‘मैं निर्दोष हूं। मैं किसी भी घटना में शामिल नहीं था।’ कोर्ट में बयान दर्ज कराते हुए आडवाणी ने कहा कि तत्कालीन केंद्र सरकार के इशारे पर मुझे साजिशन फंसाया गया है।
इससे पहले गुरुवार को भाजपा के ही वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी ने भी वीडियो कांफ्रेंस के जरिए अपना बयान अदालत में दर्ज कराया था। उन्होंने भी कोर्ट से खुद को निर्दोष बताते हुए कहा कि घटना के वक्त वह मौके पर मौजूद नहीं थे। यह पूरा मामला राजनीति से प्रेरित है और मुझे फर्जी तरीके से फंसाया गया है।
भाजपा के दिग्गज नेता मुरली मनोहर जोशी ने साथ ही कोर्ट से कहा कि सबूत के तौर पर पेश वीडियो कैसेट से छेड़छाड़ हुई है, जबकि योजना के तहत कैसेट को जांच में शामिल किया गया है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बनने के बाद कल्याण सिंह राम जन्मभूमि स्थल गए थे और उन्होंने वहां मंदिर निर्माण का संकल्प नहीं दोहराया था।
अयोध्या में बाबरी मस्जिद 6 दिसंबर 1992 को कार सेवकों द्वारा ढहाई दी गई थी। उस वक्त लाल कृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख कर्ता-धर्ता थे। सीबीआई की विशेष अदालत, उच्च्तम न्यायालय के आदेश पर इस मामले की सुनवाई रोजाना कर रही है और 31 अगस्त तक इसे पूरा करना है।