केरल के चर्चित केस हादिया उर्फ़ अखिला अशोकन मामले में एक के बाद एक सच सामने आता जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान हादिया ने हलफनामा दाखिल कर अपने ऊपर हुए जुल्म की दास्तान भी बयान की.
25 पेज के इस हलफनामे में हादिया ने बताया कि इस्लाम धर्म अपनाने को लेकर उनके परिजनों ने उस पर बेहद ही अत्याचार किये. जिसकी शिकायत उसने पुलिस में भी की. लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई.
हादिया ने बताया रमजान के दौरान उनकी माँ ने उन्हें रोजा रखने से रोकने के लिए पूरी कोशिश की. जब उन्होंने रोजा रख लिया तो रोजा तुडवाने की कोशिश की गई. इस दौरान परिजनों ने उसके खाने में नशीला पदार्थ मिला कर भी दिया. हादिया ने कहा, ‘वो मेरी मां ही थी, जो मेरे खाने में नशीली चीजों को मिलाया करती थी.’
हादिया ने कहा कि एक बार मां उसके लिए किचन से खाना ला रही थी और इसी दौरान उसने मां को खाने में कुछ मिलाते हुए देखा. पुलिस को इस बारे में जानकारी दी, लेकिन उसका कोई फायदा नहीं हुआ. इसके बाद हादिया ने अपने लिए खाने का इंतजाम खुद ही करना शुरू कर दिया.
ध्यान रहे हादिया ने हलफनामे में ये भी कहा कि वह मुसलमान है और मुसलमान के तौर पर ही अपनी जिंदगी जीना चाहती है और वह शफीन जहां की पत्नी ही बनी रहना चाहती है. हादिया ने कोर्ट से मांग की कि वह आजादी नहीं है, जबकि वह आजादी की हकदार हैं. अभी भी वह पुलिस की निगरानी में है.