भारतीय रिजर्व बैंक जल्द ही मार्केट में 100 रुपये के नये नोट को लाने जा रहा है। लेकिन उससे पहले लोगों तक इस को हाथ में पहुंचाने के लिए 100 करोड़ रुपये खर्च करने होंगे। तब जाकर ये आम आदमी तक पहुँच पाएगा।
दरअसल, एटीएम परिचालकों के संगठन कंफेडरेशन ऑफ एटीएम इंडस्ट्री (सीएटीएमआई) ने कहा कि 100 रुपये के नये नोट के लिए एटीएम मशीनों को अनुकूल बनाना होगा।
देश भर में कुल 2.4 लाख एटीएम मशीन है। हितैची पेमेंट सर्विसेज के प्रबंध निदेशक लोनी एंटोनी ने कहा कि 100 रुपये के नये नोट के हिसाब से एटीएम मशीनों को अनुकूल बनाने में 100 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इतना ही नहीं इस पर 12 महीने का समय भी लगेगा।
उन्होंने कहा, ‘चूंकि अभी सभी एटीएम मशीनों को नये नोट के अनुकूल नहीं बनाया जा सका है, यदि समुचित तरीके से योजना नहीं बनाई गई तो उन्हें 100 रुपये के नये नोटों के अनुकूल बनाने में अधिक समय लगेगा।’

इस नोट में एक नए एतिहासिक स्थल का चित्र दिया गया है। नोट के पिछले हिस्से में यूनेस्को की विश्वदाय सूची में शामिल गुजरात के पाटन स्थित रानी की बावड़ी नोट पर दिखाई देगी। इस नोट में लगने वाला कागज भारत में तैयार किया गया है। प्रिंटिंग में लगने वाली स्याही भारतीय है और सिक्योरिटी फीचर भी पूरी तरह भारत में ही तैयार किए गए हैं।
अन्य नए नोटों की तरह सौ रुपये का नया नोट भी पुराने नोट से छोटा होगा। एक गड्डी का वजन तकरीबन 83 ग्राम होगा। नोट की लंबाई और चौड़ाई में करीब 10 फीसद की कमी की गई है। नए नोट की सिक्योरिटी फीचर में सबसे प्रमुख गांधी जी का चित्र होगा। नोट का रंग हल्का जामुनी होगा।