श्रीनगर: देश में तेजी से बढ़ती बलात्कार की घटनाओं के संबंध में व्यंग्यात्मक ट्वीट करने को लेकर केंद्र की मोदी सरकार के निशाने पर आए 2010 के यूपीएससी टॉपर शाह फैसल के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू कर दी है।
इसी बीच फैसल को हरियाणा के चर्चित आईएसएस अशोक खेमका का साथ मिला है। उन्होने ट्वीट कर सवाल उठाया कि फैसल ने कौनसे नियम का उल्लंघन किया है। खेमका ने कहा है कि भारतीय दर्शन, सवाल, बहस और आत्मस्वरूप की तलाश को बढ़ावा देता है।
Which rule is alleged to be violated?
— Ashok Khemka (@AshokKhemka_IAS) July 12, 2018
इससे पहले जम्मू और कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बुधवार को ट्वीट कर कहा कि मैं इस नोटिस को नौकरशाही के अतिउत्साह में आकर उठाए गए मामले के रूप में देखता हूं। वे उस समय की भावना को समझ नहीं पा रहे हैं, जिसमें हम रह रहे हैं। उमर ने कहा कि ऐसा लगता है कि डीओपीटी ने प्रशासनिक सेवाओं से शाह फैजल को निकालने का मन बना लिया है। इस पेज की आखिरी पंक्ति चौंकाने वाली और अस्वीकार्य है जहां वे फैजल की सत्यनिष्ठा और ईमानदारी पर सवाल उठाते हैं। एक व्यंग्यात्मक ट्वीट बेईमानी कैसे है? यह उन्हें भ्रष्ट कैसे बनाता है?
Looks like DOPT is determined to chase @shahfaesal out of the civil services. The last line of this page is shocking & unacceptable where they question Faesal’s “integrity & honesty”. How is a sarcastic tweet dishonest? How does it make him corrupt? https://t.co/6MdUBvC71p
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) July 10, 2018
बता दें कि कुछ दिनों
केंद्र सरकार ने आईएएस अधिकारी के इस ट्वीट को ऑल इंडिया सर्विसेज (कंडक्ट रूल्स), 1968 और ऑल इंडिया सर्विसेज (डिसिप्लिन एंड अपील) रूल्स, 1969 के खिलाफ मानते हुए कारवाई के आदेश दिये है। पहले शाह फैसल ने रेप की बढ़ती घटनाओं पर ट्वीट किया था। जिसमे उन्होने लिखा था – ‘पैट्रिआर्की + पॉपुलेशन + इलिट्रेसी + अल्कोहल + पोर्न + टेक्नोलॉजी + एनार्की = रेपिस्तान।’
— Shah Faesal (@shahfaesal) July 10, 2018
केंद्र सरकार ने आईएएस अधिकारी के इस ट्वीट को ऑल इंडिया सर्विसेज (कंडक्ट रूल्स), 1968 और ऑल इंडिया सर्विसेज (डिसिप्लिन एंड अपील) रूल्स, 1969 के खिलाफ मानते हुए कारवाई के आदेश दिये है।
Love letter from my boss for my sarcastic tweet against rape-culture in South Asia.
The Irony here is that service rules with a colonial spirit are invoked in a democratic India to stifle the freedom of conscience.
I'm sharing this to underscore the need for a rule change. pic.twitter.com/ssT8HIKhIK— Shah Faesal (@shahfaesal) July 10, 2018
नोटिस मिलने के बाद उसकी एक प्रति ट्वीट करते हुए फैसल ने लिखा है, दक्षिण एशिया में बलात्कार के चलन के खिलाफ मेरे व्यंग्यात्मक ट्वीट के एवज में मुझे मेरे बॉस से प्रेम पत्र (नोटिस) मिला। विडंबना यह है कि अंतरआत्मा की आजादी का दम घोंटने के लिए औपनिवेशिक रूह वाले सर्विस रूल्स को लोकतांत्रिक भारत में अमल में लाया जा रहा है। मैं इसे (केंद्र की चिट्ठी) इसलिए साझा कर रहा हूं ताकि मौजूदा नियमों में बदलाव की जरूरत को रेखांकित किया जा सके।’