नई दिल्ली । असम में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियो की पहचान करने के लिए सरकार की और से नैशनल रेजिस्टर ओफ़ सिटिज़ेन (NRC) का पहला ड्राफ़्ट जारी कर दिया गया है। इस ड्राफ़्ट में क़रीब 1 करोड़ 90 लाख लोगों के नाम शामिल है जबकि 1 करोड़ 38 लाख लोग अभी भी इंतज़ार में है। पहले ड्राफ़्ट मे कुछ ऐसे नाम लोगों के नाम ग़ायब है जो चौकाने वाले है।
मसलन लोकसभा सांसद बदरूद्दीन का नाम इस ड्राफ़्ट में नही है। उनके अलावा उनके दो बेटों के नाम भी पहले ड्राफ़्ट में नही है। जबकि उल्फ़ा आतंकियो के नाम इस ड्राफ़्ट में शामिल है। भारतीय नागरिक के तौर पर चुनाव लड़ने वाले और जीतने वाले बदरूद्दीन ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट( AIUDF) के अध्यक्ष भी है। ऐसे में उनका नाम इस लिस्ट में न होना हैरान कर देने वाला है।
जबकि प्रतिबंधित संगठन उल्फा-आई (ULFA-I) के उग्रवादी परेश बरुआ का नाम इस लिस्ट में है। बरुआ का एआरएन नंबर 101831002065041801069 है। उसे डिब्रूगढ़ जिले के जेरईगांव का रहने वाला बताया गया है। बरुआ के अलावा ल्फा-आई (ULFA-I) के एक और बड़े नेता अरुनोदोई दोहुतिया का नाम भी पहले ड्राफ्ट में शामिल है। हालाँकि सरकार का कहना है की यह पहला ड्राफ़्ट है, इसके बाद भी लिस्ट जारी की जाएगी।
भारत के रजिस्ट्रार जनरल शैलेश के मुताबिक, ‘यह ड्राफ्ट का पहला हिस्सा है, जिसमें अब तक 1.9 करोड़ लोगों के नाम पर मुहर लगाई गई है। बाकी बचे नामों की अलग-अलग स्तर पर जांच की जा रही हैं। जैसे ही सत्यापन प्रक्रिया पूरी हो जाएगी, एक और ड्राफ्ट जारी किया जाएगा।’ अगर रजिस्ट्रार की बात मानी जाए तो अभी तक एक सांसद की जाँच नही हो पायी है इसलिए उनका नाम पहली लिस्ट में नही आ पाया।