बंगाल से हटाई गयी सेना, ममता बनर्जी ने इसे बताये संघीय ढांचे पर हमला

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कोलकाता | पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में टोल प्लाजा पर तैनात सेना को हटा लिया गया है. राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मांग के बाद यह कदम उठाया गया. उधर ममता बनर्जी ने बंगाल में सेना की तैनाती को संघीय ढांचे पर हमला बताते हुए इसकी तुलना आपातकाल से की है. उधर रक्षा मंत्री इस मामले पर लोकसभा में ब्यान दे रहे है. उन्होंने सेना की तैनाती को एक रूटीन कदम बताया.

उधर तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरक ओ ब्रायन ने इस मामले को संसद में उठाया. उन्होंने केंद्र सरकार पर राज्य सरकार को डराने और राज्य में तख्तापलट करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा की जो डाटा सेना को चाहिए था वो उनके पास पहले से ही मौजूद है. ऐसे में सेना बंगाल में क्या कर रही थी? यह पहले से तय माना जा रहा था की तृणमूल कांग्रेस इस मुद्दे को पुरे जोर शोर से संसद में उठाएगी.

उधर ममता बनर्जी ने कल रात एक के बाद एक ट्वीट कर मोदी सरकार पर हमला बोला. उन्होंने कहा की केंद्र सरकार बंगाल में सेना द्वारा तख्तापलट करवाना चाहती है. यह आपातकाल जैसे हालात है. प्रदेश में सेना की तैनाती लोकतंत्र के संघीय ढांचे पर हमला है. मैं मांग करती हुई की प्रदेश से सेना को तुरंत हटाया जाए. जब तक सेना नही हटाई जायेगी तब तक मैं सचिवालय से बाहर नही जायेगी.

मालूम हो कोलकाता में प्रदेश सचिवालय नबन्ना भवन के पास स्थित टोल प्लाजा पर सैन की तैनाती की गयी थी. यही नही कोलकाता के कई अन्य टोल प्लाजा पर भी सेना तैनात हुई थी. हालाँकि सेना ने इसको केवल कुछ आंकड़ो को इकठ्ठा करने का कदम बताया था. लेकिन ममता बनर्जी ने इसे मुद्दा बनाकर मोदी सरकार पर हमला बोल दिया. ममता कल रात से नबन्ना भवन से बाहर नही निकली है. उधर ममता की मांग के बाद सेना बंगाल से हट चुकी है. उन्होंने टोल प्लाजा पर बने अस्थायी पैड को भी हटा लिया है.

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