केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को एनपीआर यानी राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर की मंजूरी मिलने के बाद न्यूज एजेंसी ANI को एक इंटरव्यू दिया, जिसमे उन्होने कहा, एनपीआर और एनआरसी का कोई संबंध नहीं है। लेकिन गृहमंत्रालय की एक रिपोर्ट उनके इस दावे पर न केवल सवाल खड़े करती है। बल्कि उस दावे को पूरी तरह से खारिज भी करती है।
गृहमंत्रालय की साल 2018-2019 की एनुअल रिपोर्ट के अनुसार, “नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (NPR), नेशनल रजिस्टर ऑफ इंडियन सिटिजन (NRC) को कानून के प्रावधानों के तहत लागू करने की दिशा में पहला कदम होगा।”
इसी बीच मशहूर अधिवक्ता और एक्टिविस्ट प्रशांत भूषण ने ट्वीट किया – “NPR साफ तौर से 2003 के नागरिकता नियमों के तहत NRIC का आधार है। सिर्फ 2 दिन पहले मोदी ने चिल्लाते हुए कहा कि फिलहाल NRC के लिए कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है और आज उनके कैबिनेट ने NPR को मंजूरी दे दी है जो NRC के लिए आधार है! झूठे और धोखेबाज!”
The NPR is explicitly the basis of the National Register of Indian Citizens under the Citizenship Rules of 2003. Just 2 days ago Modi shouted that there is no move for a National Register of Citizens & today his Cabinet clears the NPR which is the basis for NRC! Liars & Frauds! https://t.co/LwF1yIX1AA
— Prashant Bhushan (@pbhushan1) December 24, 2019
एनपीआर को लेकर शुरू हुए विवाद के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को सफाई देते हुए कहा कि नैशनल पॉप्युलेशन रजिस्टर से किसी की नागरिकता नहीं जाने वाली है। इसका और नैशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस का आपस में कोई नाता नहीं है। दोनों अलग-अलग चीजें हैं। एनपीआर में किसी के कोई दस्तावेज नहीं मांगा जाएगा, जबकि एनआरसी में नागरिकता का सबूत मांगा जाता है। शाह ने कहा, ‘ये अफवाहें हैं कि एनपीआर के डेटा का इस्तेमाल एनसीआर के लिए होगा। मुस्लिम भाई किसी भ्रम में न आएं।’
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की मीटिंग में एनपीआर के लिए 3,941.35 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। केंद्र का कहना है कि यह UPA सरकार के समय (2010) से चला आ रहा है और 2015 में यह रजिस्टर अपडेट भी हो चुका है। अब 2021 में जनगणना से पहले एनपीआर को एकबार फिर अपडेट किया जाना है। इसका काम अगले साल अप्रैल से सितंबर के बीच पूरा किया जाना है और जनगणना 2021 में होगी। केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा कि रजिस्टर के सभी आंकड़े मोबाइल ऐप पर लिए जाएंगे।