दो और लोगों की मौत के बाद कश्मीर में फिर से भड़की हिंसा

 

श्रीनगर में मंगलवार को  पेलेट गन से घायल एटीएम सुपरवाइजर रियाज अहमद की मौत हो जाने के बाद हिंसा के बार फिर से भड़क उठी हैं. रियाज अहमद की हत्या का आरोप CRPF के जवान पर लगा हैं. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट से रियाज अहमद शाह की मौत का कारण पता चल गया है. चिकित्सकों ने बताया कि उनके पेट में 300 छर्रे पाए गए. एक शीर्ष सरकारी सूत्र ने यहां कहा, “जो भी इस हत्या के लिए जिम्मेदार हैं, उनकी पहचान की जाएगी और उन पर कार्रवाई होगी.”

रियाज के परिवार का आरोप हैं कि रियाज को बेहद पास से पेलेट गन की गोलियां लगी थीं जिससे उसकी मौत हो गई. रियाज के परिवार के अनुसार, रियाज घाटी एक ATM सुपरवाइजर था. वह रात को 10 बजे के करीब ATM की जांच करने के लिए घर से निकला था.  इसके बाद घर वालों के पास खबर आई कि वह हॉस्पिटल के ही पास जख्मी हालत में पड़ा है.

रियाज़ की की मौत की खबर फैलते ही सैकड़ों की संख्या में नागरिक श्रीनगर के पुराने इलाके में सड़कों पर उतर आए और कर्फ्यू के बावजूद शाह की अंतिम यात्रा में हिस्सा लिया. श्रीनगर के ईदगाह इलाके में स्थित कब्रिस्तान में शाह को दफनाया गया.

इससे पहले श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर मंगलवार शाम को एक प्रदर्शनकारी को मृत पाया गया. उसे गोली लगी थी. प्रदर्शनकारियों ने बुधवार को श्रीनगर इलाके में नारेबाजी की. उन्होंने आरोप लगाया कि गार्ड की सुरक्षा बलों की तरफ से गोली मारकर हत्या की गई है.

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, लेथपोरा में बुधवार को कुच्चे की अंतिम यात्रा में सैकड़ों की संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया. दक्षिणी कश्मीर के पर्यटन स्थल पहलगाम में विरोध स्वरूप एक रैली भी निकाली गई, जहां अमरनाथ यात्रा के लिए निकले सैकड़ों श्रद्धालुओं ने शरण ले रखी है.

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि पुलिस ने रैली को बीच में ही रोक दिया और भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े. दक्षिणी कश्मीर के कुलगाम में भी प्रदर्शनकारियों को रोका गया. पुलिस ने बताया कि सुरक्षा बलों ने प्रदर्शनकारियों पर पेलेट गन से गोलीबारी की, जिसमें दर्जनों प्रदर्शनकारी घायल हुए.

श्रीनगर में बढ़ते तनाव को देख बुधवार को पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों की तैनाती की गई है. बीते दो दिनों में कश्मीर में दो और नागरिकों की मौत हो गई, जिसके साथ नौ जुलाई से शुरू हुए संघर्ष में मृतकों की संख्या बढ़कर 53 हो गई.

 

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