ऑपरेशन ‘समुद्र मैत्री’ के तहत भूकंप और सुनामी प्रभावित इंडोनेशिया की मदद के लिए भारत ने बड़े पैमाने पर अभियान शुरू किया है। भारत ने दो विमानों और तीन नौसैनिक पोतों से राहत सामग्री भेजी है।
विदेश मंत्रालय ने बुधवार को एक बयान में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो के बीच एक अक्टूबर को टेलीफोन पर हुई बातचीत के बाद ‘ऑपरेशन समुद्र मैत्री’ लांच किया गया है। वायुसेना के दो विमान बुधवार की सुबह चिकित्साकर्मियों और राहत सामग्री के साथ इंडोनेशिया रवाना हुए।
इन विमानों में सी-130 जे और सी-17 शामिल हैं। सी-130 जे विमान से तंबुओं और उपकरणों के साथ एक मेडिकल टीम भेजी गई है। इन उपकरणों की मदद से अस्थायी अस्पताल भी बनाए जा सकते हैं। सी-17 विमान से तत्काल सहायता प्रदान करने के लिए दवाएं, जेनरेटर, तंबू और पानी आदि सामग्री भेजी गई है।
Following PM Modi's telephonic conversation wid President Jokowi,Indian aircrafts C-130J & C-17 landed in Indonesia today wid relief material.India standing wid ppl of Indonesia to assist in relief operations in Palu & Donggala #operationsamudramaitri @PMOIndia @sushmaswaraj pic.twitter.com/KgSgewoTMa
— India in Indonesia (@IndianEmbJkt) October 3, 2018
मंत्रालय ने बताया कि नौसेना के तीन पोतों- आईएनएस तीर, आईएनएस सुजाता और आईएनएस शार्दुल- के छह अक्टूबर को इंडोनेशियाई द्वीप सुलावेसी पहुंचने की संभावना है। गौरतलब है कि इंडोनेशिया में शुक्रवार को 7.5 तीव्रता का भूकंप आया था, जिससे सुनामी पैदा हुई थी। भूकंप और सुनामी के कारण वहां भारी तबाही हुई है।
इंडोनेशिया की राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन एजेंसी के प्रवक्ता ने जकार्ता में कहा कि राहत और बचाव अभियान में तेजी आने के साथ ही मृतकों की संख्या और बढ़ सकती है। इस दोहरी आपदा से 24 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। 141 स्थानों पर बनाए गए शिविरों में 70 हजार से ज्यादा लोगों ने शरण ली है जबकि प्रभावित इलाकों में लोगों को भोजन और पानी के लिए जूझना पड़ रहा है। यहां पर खाद्य सामग्री की इतनी गंभीर किल्लत हो गई है कि लोग मलबों में भोजन तलाशने को मजबूर हैं।
भूकंप और सुनामी की मार झेल रहे इंडोनेशिया के सुलावेसी द्वीप पर एक और आफत आ सकती है। इस द्वीप पर स्थित माउंट सोपुतान ज्वालामुखी बुधवार को फट गया। इससे निकल रही राख आसमान में चार हजार मीटर ऊंचाई तक उड़ रही है। इसे कई किमी की दूरी से भी देखा जा सकता है।