देश ने बुधवार को 72वां स्वतंत्रता दिवस मनाया। इस दौरान कई ऐसे मामले देखने को मिले जिनके चलते एक बाद फिर सवाल उठना लाज़मी हो गया कि क्या देश में अल्पसंख्यक और उनके संस्थान महफूज नहीं है।
दरअसल, बीजेपी नेता आई.पी. सिंह के द्वारा जामा मस्जिद पर जबरन तिरंगा लहराने के बाद से ही ये सवाल उठ रहा है। अब मध्य प्रदेश के जबलपुर में हिन्दू संगठनों ने एक क्रिश्चयन मिशनरी स्कूल में प्रिंसिपल से जबरन तिरंगा झंड़ा फहरवा इसे और मजबूती प्रदान की है।
71 साल बाद जामा मस्जिद दिल्ली की छाती
पर चढ़कर हमने कार्यकर्ताओं के साथ राष्ट्रीय ध्वज फहराया,वन्दे मातरम pic.twitter.com/j3Xk8VkWMI— IP Singh (@ipsinghbjp) August 15, 2018
मिशनरी स्कूल में बजरंग दल और विश्व हिन्दू परिषद के लोगों ने जबरन घुसकर इस कारनामे को अंजाम दिया। इतना ही नहीं इस दौरान प्रिंसिपल से भी बदसलूकी की गई। वहीं स्कूल के अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने बुधवार को स्कूल में बच्चों को नहीं बुलवाया था क्योंकि मौसम विभाग ने उस दिन बारिश की भविष्यवाणी की थी, यही नहीं स्कूल का मैदान भी भीगा हुआ था। स्कूल के अधिकारियों ने दावा किया कि स्वतंत्रता दिवस के दिन उन्होंने स्कूल में सदस्यों के साथ तिरंगा फहराया था।
टोका टोकी के बावजूद जामा मस्जिद प्रांगण पर तिरंगा लहरा दिया गया है..शाही इमाम अचानक कहाँ गायब हो गए ये प्रश्न है..फ़िलहाल हमें देश में तिरंगा लहराने के लिए किसी की अनुमति की ज़रूरत नहीं..आज मैंने जामा मस्जिद पर ध्वजारोहण किया, रोके जाने के बावजूद। #MyFlagMyFaith pic.twitter.com/S1p4cLJGBk
— IP Singh (@ipsinghbjp) August 15, 2018
कैथोलिक चर्च के जनसंपर्क अधिकारी मारिया स्टेफन ने कहा कि कुछ माता-पिता और कुछ लोगों ने स्कूल प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी की और इसे राष्ट्र-विरोधी करार दिया। खमरिया पुलिस स्टेशन के इंचार्ज जे मसराम ने कहा कि स्कूल प्रशासन को पुलिस की ओर से सुरक्षा मुहैया कराई गई थी, लेकिन स्कूल प्रिंसिपल द्वारा तिरंगा फहराये जाने और माफी मांगे जाने के बाद सुरक्षा वापस ले ली गई है।