कासगंज हिंसा पर ‘आज तक’ के झूठ का अभिसार ने किया पर्दाफ़ाश , रोहित सरदना पर भड़के लोग

अभिसार शर्मा

नई दिल्ली । गणतंत्र दिवस के दिन कासगंज में हुई साम्प्रदायिक हिंसा पर विभिन्न मीडिया समूह अपना अपना अजेंडा चला रहे है। न्यूज़ चैनल आज तक लगातार इस हिंसा के लिए मुसलमानो को ज़िम्मेदार ठहराने की कोशिश कर रहा है। यही नही आज तक के ही दो पत्रकार, रोहित सरदना और श्वेता सिंह, ट्वीटर पर भी लगातार ऐसे ही ट्वीट कर रहे है। ये लोग कुछ ऐसा दिखाने की कोशिश कर रहे है की हिंदू संगठन तिरंगा यात्रा निकाल रहे थे जबकि मुस्लिम इसका विरोध कर रहे थे।

इसी अजेंडा के तहत चैनल पर डिबेट की जा रही है। इस तरह एक समुदाय विशेष के ख़िलाफ़ फैलाए जा रहे झूठ का पत्रकार अभिसार शर्मा ने पर्दाफ़ास किया है। अभिसार, आज तक के इस अभियान से खासे नाराज़ है और वह इसे एक विशेष राजनीतिक दल के पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश क़रार दे रहे है। रविवार को अभिसार ने फ़ेस्बुक लाइव के ज़रिए कासगंज हिंसा की हक़ीक़त सामने रखी और आज तक को आइना दिखाने का प्रयास किया।

उनकी इस पहल का काफ़ी लोगों ने समर्थन भी किया और सोशल मीडिया के ज़रिए आज तक का बहिष्कार करने की भी अपील की। अभिसार ने फ़ेस्बुक लाइव के ज़रिए कहा, ‘ मीडिया का एक हिस्सा कासगंज हिंसा पर झूठ फैला रहा है। वह यह दिखाने की कोशिश क़र रहा है की मुसलमानो ने तिरंगा यात्रा रोकने की कोशिश की। जबकि हक़ीक़त यह है की अब्दुल हमीद चौक पर मुसलमान तिरंगा फ़ैराने का कार्यक्रम कर रहे थे। इसलिए यह कहना की वह तिरंगे का विरोध कर रहे थे, ग़लत है।’

अभिसार ने आगे कहा,’ मीडिया का एक विशेष हिस्सा यह दिखाने की कोशिश कर रहा है की मुस्लिमों ने तिरंगे का विरोध किया। जबकि जब कुछ बाइक सवार हमीद चौक पर पहुँचे थे उनके हाथ में भगवा झंडा भी था। मुझे लगता है की कुछ पत्रकार एक पार्टी विशेष के पक्ष में कुछ भी कर गुज़रने को तैयार है। चाहे लोगों को जान चली जाए, चाहे लोगों के रोज़गार ख़त्म हो जाए लेकिन यह चलता रहेगा।’

हालाँकि इस दौरान अभिसार ने किसी का नाम नही लिया लेकिन उन्होंने विडियो में एक तस्वीर दिखाकर यह स्पष्ट कर दिया की वह किसकी और इशारा कर रहे है। इस तस्वीर में पत्रकार रोहित सरदना के कार्यकम ‘दंगल’ के शीर्षक को दिखाया गया जिसमें लिखा था ,’ भारत में तिरंगा फहराया तो दंगा’।

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