
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने ‘टाउनहॉल’ कार्यक्रम में जनता से सीधा संवाद करते हुए कहा कि कुछ लोग पूरी रात असमाजिक कार्यों में लिप्त रहते हैं और दिन में गौरक्षक का चोला पहन लेते हैं. मैं राज्य सरकार से कहता हूं कि वे ऐसे लोगों का डोज़ियर बनाएं.
उन्होंने आगे कहा कि बादशाह और राजाओं की लड़ाई होती थी तो बादशाह क्या करते थे, वह अपनी सेना के सामने गायों को रखते थे. राजा को परेशानी होती थी कि अगर लड़ाई में हम शस्त्रों का वार करेंगे तो गाय मर जाएगी और पाप लगे. इसी उलझन में वो हार जाते थे.
मैंने देखा है कि कुछ लोग जो पूरी रात असामाजिक हरकत करते हैं. लेकिन दिन में गौरक्षक का चोला पहन लेते हैं. मैं राज्य सरकारों को अनुरोध करता हूं कि ऐसे जो स्वयंसेवी निकले हैं. अपने आप को जो बड़ा गौरक्षक मानते हैं. उनका जरा डोजियर तैयार करो 70 से 80 फीसदी ऐसे निकले जो ऐसे गोरखधंधे करते है, जिन्हें समाज स्वीकार नहीं करता है. लेकिन अपनी उन बुराइयों से बचने के लिए यह गौरक्षा का चोला पहनकर निकलते हैं.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सबसे बड़ी गौसेवा यह होगी कि इन्हें प्लास्टिक से बचाया जा जाए. लोगों को प्लास्टिक फेंकने से रोका जाना चाहिए और गायों को प्लास्टिक खाने से बचा लें तो यह बड़ी सेवा होगी. उन्होंने कहा कि गाय वध से कम और प्लास्टिक खाने से ज्यादा मरतीं हैं. उन्होंने कहा कि समाज सेवा लोगों को प्रताड़ित करने के लिए नहीं होती, बल्कि इसके लिए काफी तपस्या, करुणा, त्याग, संयम और बलिदान की जरुरत होती है.
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश, गुजरात और मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों में गाय रक्षकों की ओर से दलितों और मुस्लिमों के खिलाफ हिंसा की घटनाओं को लेकर मोदी सरकार और भाजपा की जबरदस्त आलोचना हो रही है.