
हिजबुल मुजाहिदीन बुरहान वानी की मौत के बाद शुरू हुई हिंसा और बंद के कारण एक अनुमान के मुताबिक कश्मीरी अर्थव्यवस्था को 9,000 करोड़ रुपए के नुकसान का सामना करना पड़ा हैं.
पर्यटन के प्रमुख व्यवसाय के बंद हो जाने के कारण एक दिन का नुकसान 120 करोड़ रुपये से लेकर 130 करोड़ रुपये के बीच हो रहा हैं. 9 जुलाई के बाद से अब तक कुल 9600 करोड़ रु का घाटा हुआ हैं.
कश्मीरी अर्थशास्त्री प्रोफेसर निसार अली नुकसान का आकलन करते हुए कहा कहा जम्मू और कश्मीर का नाममात्र का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 1 लाख करोड़ है. प्रारंभिक अनुमान के अनुसार पर्यटन क्षेत्र को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ हैं. जो 4000 करोड़ रुपये के करीब हैं.
प्रोफेसर अली ने कहा, जब हिंसा शुरू हुई वह समय पीक सीजन था, सभी होटल और हाउसबोट फुल रहते. लेकिन यह सब चला गया. अब हालात पहले जैसे भी हो जाए तो भी इस की पूर्ति नहीं हो सकती.
उन्होंने आगे कहा, हमारे अनुमान के अनुसार, कश्मीर की अर्थव्यवस्था को 120 रुपये से 130 करोड़ रुपये का नुकसान एक दिन में हुआ है. उन्होंने कहा कि कश्मीर की अर्थव्यवस्था 2014 में आई विनाशकारी बाढ़ के बाद से ही पटरी से उतर चुकी हैं.