नई दिल्ली : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने चार युवाओं के खिलाफ आ’तंकी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप हटा लिए हैं। इन चारों को दिसंबर 2018 में 10 अन्य के साथ गिरफ्तार किया गया था। आरोप था कि ये लोग दिल्ली और आसपास के इलाकों में आतंकी हम’ले कर इस्लामिक राज्य की स्थापना करना चाहते हैं।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अमरोहा निवासी मोहम्मद इरशाद और रईस अहमद, पूर्वी दिल्ली के जायद मलिक और मोहम्मद आजम पर लगे आरोप हटाए गए हैं। गिरफ्तारी के समय मलिक दिल्ली के जाफराबाद में रहता था। वहीं, आजम सीलमपुर में दवा की एक दुकान चलाता था।
उस समय एजेंसी ने कहा था कि ये लोग साजिश के मुख्य सूत्रधार मोहम्मद सुहैल की मदद कर रहे हैं और आई’ई’डी-बम छुपाने की जिम्मेदारी इन लोगों को दी गई थी। अहमद और उसके भाई सईद ने 25 किलो विस्फो’टक जुटाया था। इनसे रॉ’केट लॉन्च’र जैसा हथि’यार बनाने की भी तैयारी थी।
अब एक वरिष्ठ अफसर ने बताया कि जांच एजेंसी को चारों के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला है। जेल में 6 माह बिताने के बाद इन्हें छोड़ दिया गया है। हालांकि जांच जारी रहेगी।
एनआईए ने इसी मामले में मोहम्मद सुहैल, अनस युनूस, जुबैर मलिक, राशिद जफर, साकिब, अबसार सैद, गुफरान, मोहम्मद फैज और नईम चौधरी के खिलाफ पटियाला हाउस स्थित स्पेशल कोर्ट में आरोपपत्र दायर कर दिया है। एजेंसी ने दावा किया दो आरोपितों ने कुछ विडियो बनाए थे, जिन्हें सुसा’इड अ’टैक के बाद जारी किया जाता।
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