नई दिल्ली। नए कृषि कानूनों को लेकर जारी विरोध में शामिल होने के लिए पंजाब (Punjab) के अलग-अलग इलाकों से करीब 50 हजार किसान दिल्ली की ओर रवाना हो रहे हैं। किसानों का जत्था लगभग 1200 ट्रैक्टर ट्रॉलियों में सवार होकर अमृतसर से दिल्ली के लिए कूच कर चुका हैं।
मोगा पहुंचे किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के पंजाब के प्रधान सतनाम सिंह ने कहा कि शुक्रवार को पंजाब के अलग-अलग जिलों से लगभग 1200 ट्रालियों के साथ 50 हजार किसान दिल्ली रवाना हुए हैं। इन किसानों में फिरोजपुर, फाजिल्का, अबोहर, फरीदकोट और के किसान भी शामिल हैं। किसान अपने साथ ठंड से बचने के लिए तिरपाल, गर्म कपड़े और अगले कई महीनों का राशन भी साथ लेकर निकले हैं।
मजदूर संघर्ष कमेटी के प्रधान सतनाम सिंह पन्नू ने कहा कि हम दिल्ली मरने के लिए जा रहे हैं। मोदी सरकार तैयार हो जाए कि हमें कैसे मारना है , हम किसी भी हालत में अपनी जमीन नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने कहा कि किसान इस मुद्दे पर झुकने वाले नहीं है। सरकार को ये तीनों कृषि कानून हर हालत में वापस लेने होंगे।
वहीं किसानों के समर्थन में अब कई संस्था विभिन्न सामान लेकर सिंघु बॉर्डर पर पहुंच रही हैं। चंडीगढ़ की संस्था 10 हजार से ज़्यादा मास्क लेकर सिंघु बॉर्डर पर पहुंची है। इन मास्क को वहां किसानों में बांटा जा रहा है। संस्था का कहना है कि आंदोलन के लिए किसानों का स्वस्थ रहना जरूरी है।
Amritsar: Members of Kisan Mazdoor Sangarsh Committee begin their journey to Delhi to join the ongoing farmers protest against the new agriculture laws
"Around 700 tractor trolleys are moving towards Delhi's Kundli border," says SS Pandher, Kisan Mazdoor Sangarsh Committee pic.twitter.com/44UOyzILNC
— ANI (@ANI) December 11, 2020
वहीं एक अन्य संस्था ने आंदोलनरत किसानों के लिए सिंघु बॉर्डर पर लॉन्ड्री शुरू की है। जिसमें किसानों के गंदे कपड़े निशुल्क धोए जा रहे हैं। इसी बीच किसानों ने अब सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया है।
भारतीय किसान यूनियन की ओर से दायर याचिका में कहा है कि नए कानून उन्हें कॉर्पोरेट लालच का शिकार बना देंगे। सरकार से कई दौर की बातचीत और संशोधन प्रस्ताव खारिज करने के बाद किसानों ने एक तरफ आंदोलन तेज करने का फैसला किया है तो दूसरी तरफ उन्होंने न्यायपालिका का भी सहारा लिया है।