जयपुर: जयपुर के एक निजी विश्वविद्यालय में पढ़ने वाली चार कश्मीरी छात्राओं के खिलाफ कथित तौर पर गुरुवार को पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद जश्न मनाने के आरोप पर देशद्रोह का केस दर्ज किया गया था। हालांकि अब ये पुलिस जांच में झूठा पाया गया है।
जयपुर (ग्रामीण) के पुलिस अधीक्षक हरेंद्र कुमार ने कहा कि आईपीसी की धारा 124-ए (राजद्रोह) और 153-ए (विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी। मामले की जांच करने के बाद वरिष्ठ अधिकारियों ने पाया कि सामग्री राजद्रोह के आरोपों से मेल नहीं खाती है। लड़कियों को छोड़ दिया गया।
इस बारे में छात्राओं का कहना है कि “उनके शिकायत गलत तरीके से दर्ज की गई थी, हमने कश्मीरियो के खिलाफ नारेबाजी करने वाली भीड़ के खिलाफ प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने कहा, बदमाशों ने हमारे खिलाफ नारे लगाते हुए कॉलेज परिसर में घुसने की कोशिश की, जिसके जवाब में उन्होंने जूस चश्मा की एक तस्वीर साझा की थी, यह दिखाने के लिए कि हम इन नारों और धमकियों से डरने वाले नहीं हैं। किसी भी राष्ट्र-विरोधी पोस्ट का कोई सवाल ही नहीं था।
4 Kashmiri girl students who wre booked undr sedition have got the clean chit.The charges hve been dropped due to lack of evidence. The girls hve fully cooperated wd the police & cleared their stand. I thank CM Ashok Ji, Sachin Ji, SSP Jaipur, Kavita Ji, for their support & help!
— Salman Nizami (@SalmanNizami_) February 21, 2019
लड़कियों ने पुलिस का साथ दिया और अपना रुख साफ किया। उन्होंने वरिष्ठ कांग्रेस नेता सलमान निजामी के समय पर हस्तक्षेप और मदद के लिए धन्यवाद दिया। उल्लेखनीय है कि विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार की ओर से जारी आदेश में बीएससी द्वितीय वर्ष की तलवीन मंजूर, जोहरा नजीर, बीफार्मा द्वितीय वर्ष की इकरा और बीएससी (आरआईटी) द्वितीय वर्ष की छात्रा उजमा नजीर को तुरंत प्रभाव से निलंबित कर दिया था।