मुंबई हमले की सुनवाई: विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हेडली की गवाही, किए अहम खुलासे

11 Trial David Headley Deposes Before Mumbai Court Via Video Conference

मुंबई –मुंबई हमले को लेकर विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए डेविड हेडली की गवाही में कई अहम खुलासे हुए हैं। डेविड हेडली ने मुंबई की स्पेशल कोर्ट को दी गई गवाही में स्वीकार किया कि 26/11 हमला जमात-उद-दावा कमांडर हाफिज सईद की शह पर हुआ था। हेडली ने कहा कि वह हाफिज सईद से प्रभावित था, वह उसकी तकरीरों को सुनता था और उनसे खासा प्रभावित था। हेडली ने कहा कि वह 2002 में लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा था।

हेडली ने कहा कि डा. तहव्वुर हुसैन राणा ने उसे भारतीय वीजा दिलाने में मदद की थी। हेडली ने कहा कि पंजाब सूबे के एक स्कूल में उसकी राणा से मुलाकात हुई थी। हेडली ने बताया कि राणा पांच साल तक उसके साथ स्कूल में पढ़ा था। मुंबई हमले के वादामाफ गवाह ने कहा कि मेरे भारतीय वीजा को देखने के बाद साजिद मीर और मेजर इकबाल काफी खुश हुए थे।

हेडली ने स्पेशल कोर्ट को बताया, ‘मेजर अली ने ही आईएसआई के मेजर इकबाल से मेरा परिचय कराया था।’ हेडली ने बताया कि लश्कर आतंकी साजिद मीर chalchalo@yahoo.com ईमेल आईडी के जरिए आतंकियों से संपर्क साधता था। हेडली ने कहा कि मुझे वीजा मिलने के बाद मेजर अली ने कहा कि तुम भारत के बारे में सूचनाएं जुटाने में काम आओगे।
डेविड हेडली ने स्वीकार किया कि उसने भारत में घुसने के लिए फर्जी पासपोर्ट बनवाने के बाद उसने आठ बार भारत की यात्रा की थी। इस दौरान 7 बार वह मुंबई आया था। डेविड हेडली ने आखिरी बार 2009 में मुंबई का दौरा किया था। इसका मतलब 26/11 हमले के बाद भी आतंकी डेविड हेडली भारत आया था। हेडली ने अदालत के सामने स्वीकार किया कि मैं लश्कर-ए-तैयबा का कट्टर समर्थक रहा हूं। हेडली ने कहा कि उसने लश्कर के ही आतंकी साजिद मीर की मदद से फर्जी पासपोर्ट बनवाया था। हेडली ने कहा कि मुंबई हमले के बाद भी मैं 7 मार्च, 2009 को लाहौर से दिल्ली गया था।

आतंकी ने कहा कि मैं अपना नाम बदलने के बाद इस बारे में सबसे पहले साजिद मीर को बताया था। यही नहीं नाम बदलने के कुछ हफ्तों बाद ही डेविड हेडली पाकिस्तान गया था। हेडली ने कहा कि मैंने भारत में घुसने के मकसद से अपना नाम बदल लिया था। आतंकी ने अदालत के सामने स्वीकारा, ‘मैंने भारत में घुसने के लिए नाम बदला था। अमेरिकी नाम के जरिए मैं भारत में घुसना चाहता था। साजिद मीर चाहता था कि मैं भारत में कोई काम करूं। साजिद मीर ने ही डेविड हेडली को मुंबई हमलों को अंजाम देने के लिए भारत जाकर रेकी करने को कहा था।’

हेडली ने कहा कि मेरी पहली भारत यात्रा से पहले साजिद मीर ने भारत में हमले के अपने इरादों को उजागर किया था। हेडली ने कहा कि साजिद मीर ने उससे मुंबई का विडियो बनाने के लिए कहा था। हेडली ने कहा कि मैं 7 बार पाकिस्तान से भारत आया था, जबकि एक बार यूएई से भारत का दौरा किया था। आतंकी हेडली अमेरिका के शिकागो स्थित जेल से विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए गवाही दे रहा है। डेविड हेडली ने कहा कि भारत में घुसने के लिए उसने अपना नाम दाऊद गिलानी से बदलकर डेविड हेडली कर लिया था। हेडली ने कहा कि उसने 5 फरवरी, 2006 को बदले हुए नाम के साथ अमेरिका के फिलाडेल्फिया में पासपोर्ट के लिए आवेदन किया था। हेडली ने कहा कि भारत में कई बार यात्रा के दौरान उसने ओबेरॉय होटेल, ताज होटेल और नरीमन हाउस जैसी जगहों की रेकी की थी और विडियो तैयार किए थे। इसके अलावा आतंकियों के घुसने के लिए मैप भी तैयार किया था।

यह पहला मौका है, जब भारत में किसी मामले में विदेश से विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए गवाही ली जा रही है। डेविड हेडली 26/11 हमले का वादामाफ गवाह है। आतंकी हेडली को अमेरिकी अदालत ने इसी शर्त पर उसे मौत की सजा देने की बजाय उम्रकैद दी थी कि वह आगे चलकर आतंकी मामलों में गवाही देगा। दिसंबर 2015 में डेविड हेडली मुंबई हमले के केस में वादा माफ गवाह बन गया था। स्पेशल कोर्ट के आगे हेडली ने कहा कि वह पाकिस्तान में हमले की योजना बनने के बारे में पूरी जानकारी देने को तैयार है।

मुंबई क्राइम ब्रांच की ओर से सरकारी अधिवक्ता उज्जवल निकम पैरवी कर रहे हैं। मुंबई में आतंकी हमला करने की योजना बनाने और उसे अंजाम देने में हेडली की मुख्य भूमिका थी। अधिवक्ता महेश जेठमलानी अदालत में हेडली का पक्ष रख रहे हैं। इससे पहले एनआईए की ओर से की गई पूछताछ में हेडली ने कहा था कि मुंबई हमले की योजना को हाफिज सईद की मंजूरी थी और जकीउर रहमान लखवी ने इसकी पूरी साजिश रची थी। इसके अलावा पाक सेना और आईएसआई को भी इसके बारे में पूरी जानकारी थी।

हेडली से पूछताछ के बाद एनआईए की ओर से तैयार की गई रिपोर्ट के मुताबिक हेडली ने स्वीकार किया था कि हमले को हाफिज सईद की मंजूरी थी, जबकि जकी-उर रहमान लखवी इस हमले का मास्टरमाइंड था। इस बड़े हमले को अंजाम देने के लिए आईएसआई ने आतंकियों को आर्थिक मदद मुहैया कराई थी।

यहां तक कि हमले के बाद पाकिस्तान में अरेस्ट किए गए जकी-उर-रहमान लखवी से आईएसआई के चीफ शुजा पाशा ने उससे मुलाकात भी की थी। डेविड हेडली पाकिस्तान के खिलाफ पुख्ता सबूत दे सकता है। वहीं, 26/11 मामले के मुख्य साजिशकर्ता आतंकी अबू जुंदाल के वकील ने सुनवाई रोके जाने की मांग की।

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