इस्लाम के त्योहारों से तो आजकल हर कोई रूबरू होता है. 2 दिसम्बर यानी आज पूरी दुनिया में ईद-उल-मिलाद मनाया जा रहा है. मिलाद-उल-नबी या ईद-उल-मिलाद के नाम से जानने वाला यह त्योहार पैगंबर हज़रत मोहम्मद मुस्तफा सलल्लाहू आलेइही वसल्लम की पैदाइश के अवसर पर मनाया जाता है. पैगंबर मोहम्मद (स.अ.व) का जन्म इस्लाम कैलेंडर के अनुसार रबि-उल-अव्वल माह के 12वें दिन 570 ई. को मक्का में हुआ था.
इस मौके पर सभी मुस्लिम लोग दिन की शुरुआत से जुलूस ही निकालते है और सभी मुस्लिम इस जुलूस में शिरकत करते है. जुलूस का उदेश्य होता है की हर मुस्लिम शख्स इस्लाम की बुनियादों पर चले, रसूल की बताई हुए नेक बातों पर अमल करें और साथ ही अल्लाह की नियामतें यानी नमाज़ और कुरान पाक की तिलावत करें.
भारत एक ऐसा देश है जहाँ विभिन्न प्रकार के लोग रहते है.एक समुदाय दूसरे समुदाय के त्योहारों को बढ़ी ही शिददत से मनाता है. ऐसा ही वाकिया भारत के केरला में हुआ है, जहाँ पर हिन्दू समुदाय के लोगों ने मुस्लिम समुदाय के साथ मिलाद-उल-नबी मनाया साथ ही मुस्लिम लोगों द्वारा किये गये जुलूस में भी शिरकत की. इसे के साथ हिन्दू लोगों ने मुस्लिम लोगों के साथ भाई-चारा कायम रहने की भी दुआएं की.जुलूस के दौरान हिन्दू समुदाय के लोगों ने मुसिलम लोगों को मिठाई देकर उन्हें जश्न की बधाई दी.