बेंगलूरु – देश भर में नोट बंदी के बाद से कैश की किल्लत समाप्त होने का नाम नही ले रही है. जहाँ एक तरफ प्रधानमंत्री मोदी ने देश वासियों से कैशलेस ट्रांजेक्शन करने की बात कहीं है वहीँ ‘गाँवों में बसने वाले भारत के ‘ अधिकतर लोगो को ना तो पेटिएम के बारे में पता है ना ही ऑनलाइन शौपिंग के बारे में.
एटीएम और बैंको के बाहर भीड़ देखकर नही लगता है की इतनी जल्दी खत्म होगी क्यूंकि जितना कैश बैंक दे रहे है उतना कुछ ही दिन में खत्म हो जा रहा है और फिर वही उपभोक्ता दोबारा लाइन में हाज़िर हो जाता है. देश के दूरस्त एटीएम के हाल तो और भी दयनीय है कस्बों में एटीएम के कैश खत्म होने के बाद बैंको की कृपा पर निर्भर हो जाते है. जब बैंक चाहेगा तब एटीएम में कैश आयेगा.
इसी उथल पुथल के बीच एक खबर बंगुलुरु से आ रही है जहाँ जदयू कार्यकर्ताओं ने बेंगलूरु में एक एटीएम मशीन से कैश नहीं निकलने पर उसकी अंतिम संस्कार कर दिया। न्यूजएजेंसी एएनआई ने इसकी तस्वीरें जारी की हैं। तस्वीरों में जदयू कार्यकर्ता एटीएम मशीन के सामने बैठे हैं। इन के साथ ही एक पंडित बैठा हुआ है, जो कि एटीएम मशीन का क्रियाकर्म कर रहा है। एटीएम मशीन को फूलों की माला पहनाई हुई है।
बता दें, नोटबंदी के एक महीने के बाद भी लोगों को कैश की काफी दिक्कत हो रही हैं। पूरे देश में बैंक कैश की कमी से जूझ रहे हैं। नोटबंदी के फैसले के साथ ही बैंक और एटीएम मशीन से पैसे निकालने की एक सीमा तय की गई थी लेकिन इसके बाद भी ज्यादातर एटीएम और बैंक में कैश नहीं है। जिस एटीएम में कैश है, उसके बाहर काफी लंबी कतारें देखने को मिल रही हैं।