मुफ्ती मोहम्मद सईद के बारे में दिलचस्प बातें

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नई दिल्ली: आज जम्मू और कश्मीर ने अपना एक बड़ा नेता खो दिया है। जम्मू और कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद का आज सुबह दिल्ली में निधन हो गया। 79 वर्ष के मुफ्ती मोहम्मद सईद का दिल्ली के एम्स अस्पताल में इलाज चल रहा था। पिछले कुछ दिनों से वो वेंटिलेटर पर थे। लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। आपको बता दें 24 दिसंबर को मुफ्ती मोहम्मद सईद की तबीयत अचानक बिगड़ गई थी उन्हें विशेष विमान के ज़रिए श्रीनगर से दिल्ली लाया गया था जहां पता चला कि उन्हें sepsis यानी इनफेक्शन की वजह से हुई सूजन और निमोनिया है। इस दौरान उनकी platelets खतरनाक स्तर तक कम हो गई थीं।

मुफ्ती मोहम्मद सईद जम्मू कश्मीर के दूसरे ऐसे मुख्यमंत्री हैं, जिनका कार्यकाल के दौरान ही निधन हो गया। उनसे पहले 8 सितंबर 1982 को शेख अब्दुल्ला का मुख्यमंत्री रहते हुए निधन हो गया था। मफ्ती मोहम्मद सईद के परिवार में उनकी पत्नी, तीन बेटियां और एक बेटा है। उनके निधन पर जम्मू कश्मीर में सात दिन का राजकीय शोक रखा गया है। उनका पार्थिव शरीर दिल्ली से श्रीनगर ले जाया गया है, जहां से 48 किलोमीटर दूर बिजबेहारा गांव में उनका अंतिम संस्कार किया गया।

मुफ्ती मोहम्मद सईद के निधन पर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और दूसरे सभी नेताओं ने गहरा शोक व्यक्त किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि मुफ्ती मोहम्मद सईद के निधन से देश को क्षति हुई है, वो ऐसे नेता थे जिनके healing touch की कमी पूरे देश को महसूस होगी।

मुफ्ती मोहम्मद सईद को जम्मू और कश्मीर में पीडीपी-बीजेपी के असंभव गठबंधन को संभव बनाने का सूत्रधार माना जाता है। इस गठबंधन का नेता उन्हें बनाया गया और 1 मार्च 2015 को वो दूसरी बार जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री बने। पहली बार मुफ्ती मोहम्मद सईद 2002 में राज्य के मुख्यमंत्री बने। जब संसद पर हमले के बाद भारत और पाकिस्तान युद्ध के कगार पर खड़े थे। सईद के पहले कार्यकाल के दौरान श्रीनगर को पाकिस्तान के कब्ज़े वाले कश्मीर के मुज़फ्फराबाद से जोड़ने का काम हुआ। तब श्रीनगर से मुज़फ्फराबाद के लिए बस चलाई गई थी। मुफ्ती मोहम्मद सईद ने अपने पहले कार्यकाल में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को श्रीनगर में रैली करने के लिए आमंत्रित किया था ये उस वक्त पिछले 20 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा की गई पहली रैली थी। मुफ्ती मोहम्मद सईद को निजी स्तर पर काफी उदार माना जाता था। राजनीति और विचारधारा से ऊपर उठकर उनके हर नेता से अच्छे संबंध थे। मौजूदा राजनीति में निजी कुंठाओं के बीच इस तरह के व्यक्तित्व का जाना भारतीय राजनीति के लिए क्षति है।

आज एक ऐसा मौका है जब हमें मुफ्ती मोहम्मद सईद के राजनैतिक सफर और उनकी जिंदगी के बारे में भी जानना चाहिए। हमने मुफ्ती मोहम्मद सईद के जीवन से जुड़ी कुछ दिलचस्प जानकारियां निकाली हैं। जो अब हम आपको बताते हैं-

* मुफ्ती मोहम्मद सईद का जन्म 12 जनवरी 1936 को दक्षिण कश्मीर में अनंतनाग ज़िले के बिजबेहारा कस्बे में हुआ था उनके परिवार के लोग ‘पीर’ थे जो धार्मिक गतिविधियों के ज़रिए अपनी जीविका चलाते थे। सईद ने अपनी शुरुआती पढ़ाई श्रीनगर में की और बाद में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से कानून की डिग्री ली।
* सईद ने अपना राजनैतिक जीवन अनंतनाग ज़िले में ही कांग्रेस पार्टी के साथ शुरू किया था। ये वो वक्त था जब कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता शेख अब्दुल्ला सबसे ज़्यादा लोकप्रिय थे। शेख अब्दुल्ला को चुनौती देने वाला कश्मीर में कोई नेता नहीं था, लेकिन धीरे-धीरे सईद इसमें सेंध लगाने लगे। यानी कश्मीर में अब्दुल्ला परिवार और मुफ्ती परिवार के बीच राजनैतिक दुश्मनी काफी पुरानी है।
* मुफ्ती मोहम्मद सईद ने कश्मीर में कांग्रेस को इस मुकाम तक पहुंचाया कि वो अब्दुल्ला परिवार को चुनौती दे सके वर्ष 1964 में मुफ्ती मोहम्मद सईद पहली बार राज्य सरकार में राज्य मंत्री बने।
* बाद में मुफ्ती मोहम्मद सईद जम्मू और कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भी बने। वर्ष 1986 में मुफ्ती मोम्मद सईद केंद्र में राजीव गांधी की सरकार में पर्यटन मंत्री बनाए गए हालांकि वर्ष 1987 में उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी और वीपी सिंह के जनमोर्चा में शामिल हो गए।
* वर्ष 1989 में जब वीपी सिंह देश के प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने मुफ्ती मोहम्मद सईद को देश का गृह मंत्री बनाया मुफ्ती मोहम्मद सईद देश के पहले मुस्लिम गृह मंत्री थे और कश्मीर से गृह मंत्री बनने वाले पहले नेता थे हालांकि उनके राजनैतिक जीवन का सबसे मुश्किल वक़्त इसी दौरान आया, जब उनकी बेटी रुबिया सईद को आतंकवादियों ने अगवा कर लिया।
* रुबिया सईद के बदले में राज्य सरकार को 7 आतंकवादी छोड़ने पड़ गए इसके लिए सरकार की काफी आलोचना हुई थी। 1990 की शुरुआत में जगमोहन को जम्मू कश्मीर का गवर्नर बना कर भेजने के पीछे भी मुफ्ती मोहम्मद सईद की सोच थी बाद में नरसिम्हा राव के दौर में मुफ्ती मोहम्मद सईद एक बार फिर से कांग्रेस में शामिल हो गए और 1999 तक कांग्रेस में रहे।
* वर्ष 1999 में मुफ्ती मोहम्मद सईद ने जम्मू कश्मीर में एक नई पार्टी पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी यानी पीडीपी बनाई वर्ष 2002 के विधानसभा चुनाव में पीडीपी ने विधानसभा की 87 सीटों में से 17 सीटें जीतकर सबको चौंका दिया। इसके बाद मुफ्ती मोहम्मद सईद राज्य में पीडीपी और कांग्रेस की गठबंधन सरकार में पहली बार मुख्यमंत्री बने।
* वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव में एक बार फिर पीडीपी की सत्ता में वापसी हुई और उसने बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाई अपनी राजनैतिक विरोधी पार्टी के साथ सरकार बनाना और चलाना आसान नहीं था, लेकिन सईद ने ये करके दिखाया एक मार्च 2015 को मुफ्ती मोहम्मद सईद बीजेपी और पीडीपी गठबंधन की सरकार में दूसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री बने।
* मुफ्ती मोहम्मद सईद को एक तार्किक राजनेता माना जाता था जिनके निजी तौर पर राजनीति से ऊपर उठकर सभी नेताओं से अच्छे संबंध थे। सईद के परिवार में उनकी पत्नी गुलशन आरा, उनके बेटे मुफ्ती तसादुक सईद, तीन बेटियां महबूबा मुफ्ती, मेहमूदा मुफ्ती और रुबिया सईद और दो नातिन हैं।
* मुफ्ती साहब निजी तौर पर काफी उदार थे। उन्हें दोस्तों के साथ ब्रिज खेलना बहुत पसंद था। तीन वर्ष पहले डॉक्टरों ने मुफ्ती साहब के शरीर में पेसमेकर लगाया, जिसके बाद उन्होंने सिगरेट पीना छोड़ दिया।
* 79 वर्ष की उम्र में भी मुफ्ती सईद बहुत सक्रिय थे इसका अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 23 दिसंबर को शून्य से नीचे के तापमान पर उन्होंने श्रीनगर में 14 सरकारी कार्यक्रमों को अटेंड किया इसी के बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई और शाम को उन्हें विशेष विमान से दिल्ली लाया गया और एम्स में भर्ती कराया गया जहां 80वें जन्मदिन से चार दिन पहले ही उनका निधन हो गया।

* मुफ्ती मोहम्मद सईद के निधन के बाद जम्मू और कश्मीर में राजनैतिक गहमागहमी तेज़ हो गई है। सबकी नज़र मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी महबूबा मुफ्ती पर है। जो उनकी राजनैतिक उत्तराधिकारी हैं। ये करीब-करीब तय है कि राज्य की अगली मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ही होंगी आज पीडीपी के नेताओं ने राज्यपाल से मिलकर महबूबा मुफ्ती को नया मुख्यमंत्री बनाने का समर्थन पत्र दिया है हालांकि बीजेपी के अंदर से कुछ आवाज़ें आई थीं कि राज्य के उपमुख्यमंत्री डॉक्टर निर्मल सिंह को मुख्यमंत्री बनाना चाहिए लेकिन ये बीजेपी का आधिकारिक रुख नहीं है बीजेपी की राज्य इकाई के मुताबिक ये पीडीपी का निर्णय है कि वो अपना नेता किसे चुनती है यहां हम आपको महबूबा मुफ्ती के बारे में भी बता देते हैं।

* 56 वर्ष की महबूबा मुफ्ती को पीडीपी का फायरब्रांड नेता माना जाता है।
* महबूबा मुफ्ती ने अपने राजनैतिक जीवन की शुरुआत 1996 में कांग्रेस से की थी। तब उन्होंने अपने गृह क्षेत्र बिजबेहारा से पहला विधानसभा चुनाव जीता था।
* वर्ष 2004 में महबूबा मुफ्ती ने अनंतनाग से पहला लोकसभा चुनाव जीता, मई 2014 में वो एक बार फिर अनंतनाग से लोकसभा सांसद चुनी गईं और अब महबूबा मुफ्ती जम्मू कश्मीर की पहली महिला मुख्यमंत्री बनेंगी।

साभार http://zeenews.india.com/

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