गरीब बच्चों को मुफ्त शिक्षा देने के लिए आईएएस ने छोड़ी नौकरी

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जबलपुर। राजस्थान के रोमन सैनी ने दो साल में ही आईएएस की नौकरी छोड़ दी। मध्य प्रदेश के जबलपुर में सहायक कलक्टर रहे सैनी ट्रेनिंग पीरियड में इस्तीफा दे दिल्ली में गरीब व मध्यमवर्गीय बच्चों को पढ़ा रहे हैं। माना जा रहा है कि सैनी ने युवाओं को सिविल सेवा में पढ़ाने व सफलता दिलाने को इस्तीफा दिया। जबलपुर कलक्टर एसएन रूपला ने सैनी के इस्तीफे की पुष्टि की।

16 साल की उम्र में पास किया एम्स का टेस्ट

2014 बैच के आईएएस राजस्थान के रायकरनपुरा गांव निवासी हैं और महज 23 साल के हैं। उन्होंने 16 साल में एम्स में दाखिले का टेस्ट पास किया, जहां 18वीं रैंक पर थे। सैनी डॉक्टरी के बाद आईएएस परीक्षा में बैठे। पहली बार में चयनित हुए। पिता इंजीनियर और मां गृहणी हैं। सैनी की पदस्थापना जून 2015 में जबलपुर में सहायक कलक्टर के रूप में हुई। सूत्रों के मुताबिक, मात्र चार माह ही सर्विस कर पाए और दिल्ली चले गए। सितंबर में इस्तीफा भेज दिया, जो जनवरी के पहले सप्ताह में मंजूर हो गया।

शुरू की अन एकेडमी

बच्चों को पढ़ाने के लिए आईएएस की नौकरी छोडऩे वाले रोमन ने एजुकेशन स्टार्ट-अप अनएकेडमी की शुरुआत की। इसकी शुरुआत वर्ष 2011 में यू-ट्यूब चैनल के रूप में हुई थी। इसे रोमन के दोस्त गौरव ने बनाया था। उनकी इस पहल को सराहने के लिए पीएमओ ने उनहें 16 जनवरी से होने वाले स्टार्ट अप इंडिया में बुलाया है।

स्कूल में ही आया था आइडिया

रोमन और उनके दोस्त गौरव मुंजाल 11वीं कक्षा में साथ ट्यूशन पढऩे जाते थे। उसी समय उनके दिमाग में यह आइडिया आया था कि हर बच्चे को अच्छी ट्यूशन क्यों नहीं मिल सकती। अनएकेडमी शुरू करने के लिए रोमन ने आईएएस की नौकरी छोड़ी तो उनके दोस्त गौरव ने रियल एस्टेट कंपनी फ्लैटचैट के सीईओ का पद छोड़ा। दो और दोस्तों हेमेश और सचिन के साथ मिलकर उन्होंने अनएकेडमी डॉट इन नाम से वेब प्लेटफॉर्म लॉन्च किया। अब तक वे 10 लाख से ज्यादा वीडियो जारी कर चुके हैं और इससे पांच लाख से भी ज्यादा बच्चों को फायदा हुआ है। यही नहीं अब तक वे 25 एजुकेटर्स को भी अपने इस प्लेटफॉर्म से जोड़ चुके हैं।

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