ऐसा शायद ही कोई घर हो जहाँ Combiflam दवाई का इस्तेमाल ना होता हो लेकिन इस दवा को प्रयोग करने वालो के लिए एक बुरी खबर है. फ्रेंच मल्टीनेशनल फार्मास्यूटिकल कंपनी सनोफी ने भारत में अपने पेनकिलर कॉम्बीफ्लाम के कुछ बैच वापस मंगवाने का फैसला किया है।
दवाइयों का निरिक्षण करने वाली संस्था सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (CDSCO) ने अपनी जांच में यह पाया था की इस दवा के कुछ सैंपल घटिया क्वॉलिटी के थे। CDSCO की वेबसाइट पर फरवरी और अप्रैल महीने में पोस्ट नोटिसों में कहा गया था कि उसने कॉम्बीफ्लाम के कुछ बैचों को ‘मानक क्वॉलिटी’ के मुताबिक नहीं पाया। ये सैंपल उनके डिस्इंटीग्रेशन टेस्ट में फेल हो गईं।
क्या है डिसइंटीग्रेशन टेस्ट
डिसइंटीग्रेशन टेस्ट के अंतर्गत ये पता किया जाता है की कोई टेबलेट या कैप्सूल शरीर में घुलने में कितना समय लेता है यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन के मुताबिक, इस मानक का इस्तेमाल दवाओं की क्वॉलिटी सुनिश्चित करने के लिए की जाती है। गौरतलब है की कॉम्बीफ्लैम पैरासिटेमॉल और आईब्रूफेन का कॉम्बीनेशन होता है। डिसइंटीग्रेशन टेस्ट ये दवाई फेल हो गयी है जिसका मतलब है की combiflam शरीर में घुलने में काफी समय लेती है.