इजराइल और अरब देशों के बीच के संबंधों के तो सब वाखिब हैं , अरब देश इजराइल को एक देश के रूप में नहीं पहचानते हैं , लेकिन टाइम्स ऑफ़ इजराइल की खबरों के मुताबिक “सऊदी अरब के इजराइल के साथ गुप्त सम्बन्ध हैं लेकिन देश ने इस पर चुप्पी बनाये रखी है, लेकिन नेतान्याहू ने वाशिंगटन में इस महीने की शुरुआत में कहा था की “इजराइल और अरब देश कभी भी करीब नहीं आ सकते हैं.” दोनों देशों को ईरान का प्रतिद्वंदी और अमेरिका के करीब माना जाता है.
अरब देशों की मुख्य चिंता ‘फिलिस्तीन’
अरब देशों की मुख्य चिंता फिलिस्तीन है, जिस पर पिछले कई दशकों से इजराइल का जुर्म है, इजराइल हर रोज फिलिस्तीनियों को यातनाएं देता रहता है और हर रोज कई मासूम बच्चों को, वयस्कों को गिरफ्तार करता है. जहां अरब देश बैठकों में कहते हैं की “फिलिस्तीन अरब देशों की मुख्य चिंता है तो वहीं बिन सलमान फिलिस्तीन पर ऐसे बयान देते हैं की जो की अरब देशों के बयानों से बिलकुल अलग है.”
“चुप रहे फिलिस्तीनी “
प्रेस टीवी के अनुसार इसरायली चैनल ने खबर दी है की सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने कहा कि “फिलिस्तीनियों को या तो शांति प्रस्ताव स्वीकार करना चाहिए या “चुप रहना चाहिए”.
रविवार को इजरायल के चैनल 10 की खबरों के मुताबिक, सलमान ने पिछले महीने न्यू यॉर्क की यात्रा पर यह टिप्पणी की थी, जहां उन्होंने कई यहूदी नेताओं से मुलाकात की थी.
“शिकायत करना बंद करें फिलिस्तीनी “
इसरायली चैनल 10 ने रिपोर्ट दी है की क्राउन प्रिंस ने कहा था की “पिछले 40 वर्षों से, फिलीस्तीनी नेतृत्व ने बार-बार शांति के अवसरों को खोया है और उन्हें ख़ारिज किया है. यह समय ऐसा है की जब फिलिस्तीनियों को शांति से वार्ता करनी चाहिए, उन्हें शांति स्वीकार कर लेनी चाहिए या तो चुप रहना चाहिए और शिकायत बंद करनी चाहिए .”
प्रेस टीवी के अनुसार 5 अप्रैल को प्रकाशित टाइम पत्रिका के साथ एक इंटरव्यू में , उन्होंने सऊदी सिंहासन के बारे में रियाद-तेल अवीव संबंधों की संभावना के बारे में बताया था, जिसमें फिलीस्तीनियों के साथ शासन के संघर्ष का वर्णन इजरायल के साथ संबंधों के सामान्यीकरण के लिए एकमात्र बाधा था.”
इजराइल है अपनी जमीन में रहने का हकदार
यूएस मैगज़ीन द अटलांटिक में एक इंटरव्यू के दौरान सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने कहा था की ” इजराइल अपने देश में शांति से रहने का हकदार है.” बिन सलमान ने इस बयान से रियाद और तेल अवीव के बीच रिश्तों के पास होने के संकेत भी दे दिया.
सऊदी अरब अरब शांति पहल का मुख्य प्रायोजक रहा है, जो इजरायली-फिलिस्तीनी संघर्ष के लिए तथाकथित दो-राज्य समाधान का अनुमान लगाता है. हालांकि, बिन सलमान से पहले, किसी भी सऊदी अधिकारी ने यह नहीं कहा था की इजराइल को भी उनकी जमीन में रहने का अधिकार है.”