
कुछ दिन पहले ईरानी सुरक्षा अधिकारयों ने हिंदुस्तान में आपने समकक्ष अधिकारीयों और राष्ट्रपति से मुलाकात की, हिंदुस्तान में आये हुए ईरानी सुरक्षा बल अधिकारयों ने कहा कि “सुरक्षा का महत्पूर्ण मुद्दा आतंकवाद से लड़ना है”, उन्होंने हिंदुस्तान से ईरान, इराक, सीरया और रूस के आतंकविरोधी संगठन का साथ देने की अपील की!
इस समय जब कि चीन का सेन्य प्रतिनिधिमंडल सीरया जाने को है तो खुला विचार विमर्श और आपसी सहयोग, सुरक्षा को बढ़ावा देगा! इस बैठक में भारत के प्रधानमंत्री के सुरक्षा सलाहकार ने इस बात को नोट भी किया, और उन्होंने पश्चिम-योरोपी एशिया में जिओ-स्ट्रेटेजिक घटनाओं की तरफ इशारा करते हुए इस छ के महत्वपूर्ण देशों के साथ बात चीत को बढ़ावा देने पर जोर दिया! और कहा के हिन्दुस्तान सुरक्षा, राजनीती और आर्थिक मामलों से सम्बंधित ईरान, चीन और रूस के दरमियान बात चीत का सुवागत करता है. उन्होंने आखिर में “संयुक्त रक्षा सहयोग समिति” को दुबारा मजबूत करने की आवश्यक्ता को बताया!
दूसरी तरफ जनरल ब्रिगेडीअर ‘हुसैन देहकान’ ने मास्को में हुई “अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा सम्मेलन” में आपने भाषण में पूरब में नाटो की पेशकदमी और चीन के पूर्वी और दक्षिणी छेत्र में अमरीकी सेना को सामने रखते हुए सेन्ट्रल एशिया को महत्वपूर्ण बताया.
ऐसा लगता है कि चीन और सीरियाई सेना की बातचीत ने सीरिया में चीन के प्रवेश को अनुमति दे दी है, इस प्रकार ईरान अपनी स्ट्रेटेजिक स्तिथि व अन्य कारणों से भविष्य में प्रभावित हो सकता है, इस लिए ये कहा जा सकता है कि रणनीतिक संगठन में ईरान की भूमिका महत्वपूर्ण है!