कोरोना संकट के बीच कोरोना अमेरिका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का फंड रोक दी है। जिस पर अब विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने खेद जताया।
डब्ल्यूएचओ के डायरेक्टर जनरल टेडरोस अधानोम गेब्रियेसस (Tedros Adhanom Ghebreyesus) ने कहा, ”WHO के फंड को रोकने के राष्ट्रपति ट्रंप के फैसले पर हमें खेद है। विश्व स्वास्थ्य संगठन को अमेरिकी फंडिंग रुकने से काम पर पड़ने वाले असर की समीक्षा कर रहा है। हम अपने सहयोगी देशों के साथ मिल कर इसकी भरपायी की कोशिश करेंगे।
WHO के फंड को रोकने के राष्ट्रपति ट्रंप के फ़ैसले पर हमें ख़ेद है। हम अमेरिकी फ़ंडिंग रुकने से काम पर पड़ने वाले असर की समीक्षा कर रहे है। हम सहयोगी देशों के साथ मिल कर इसकी भरपायी की कोशिश करेंगे। WHO कोरोना ही नहीं दुनिया भर की बीमारी से लड़ता है।@WHO डायरेक्टर जनरल @DrTedros pic.twitter.com/IVUEnHIZDi
— Umashankar Singh उमाशंकर सिंह (@umashankarsingh) April 16, 2020
वहीं यूरोपियन यूनियन के टॉप के डिप्लोमैट ने WHO के फंड फ्रीज करने की अमेरिकी कार्रवाई पर चिंता जाहिर की है। ईयू के रिप्रजेंटेटिव जोसफ बोरेल ने ट्विटर पर लिखा है कि मौजूदा हालात में इस कदम को किसी भी तरह से उचित नहीं ठहराया जा सकता है। इस वक्त उनकी कोशिशों की ज्यादा आवश्यकता थी. इस महामारी से निपटने के लिए ज्यादा मदद की जरूरत है। उन्होंने लिखा है कि इस वक्त हम इस महामारी से तभी निपट सकते हैं, जब सारी ताकतें एक होकर बिना किसी बॉर्डर के संकट का मुकाबला करें।
बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने आरोप लगाया कि डब्ल्यूएचओ दुनियाभर में जारी कोरोना महामारी को लेकर चीन केंद्रित हो गया है। उन्होंने कहा कि हम डब्ल्यूएचओ को दी जानी धनराशि को रोकने जा रहे हैं। व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बातचीत के दौरान ट्रंप ने इस बात की जानकारी दी थी। उन्होंने ये भी कहा कि संगठन को सबसे ज्यादा फंड अमेरिका ही देता है। इसके बाद भी संगठन ने अब तक जो कदम उठाए वो गलत थे।