हाल ही में एक खबर सऊदी अरब से आई है तबलीग़ी जमात को लेकर की सऊदी में तबलीग़ी जमात को बैन कर दिया गया है। जिसके चलते पिछले जुमे में इमामो ने मस्जिदों में लोगो को तबलीग़ी जमात के संबंध में लोगो को चेतावनी दी, की तबलीग़ी जमात गुमराह जमात है और आतंकवाद के लिए उकसाती है
दरसल सऊदी अरब के इस्लामिक मामलों के मंत्रालय के निर्देशानुसार शुक्रवार 10 दिसंबर को जुमे की नमाज पढ़ाने वाले सभी इमामो को आदेश दिया गया था, कि वह जुम्मे के बयान में तबलीग़ी जमात के खिलाफ लोगों को चेतावनी दे।
उन्होंने इस लिखित खुत्बा में कहा है की – शाह अब्दुल अजीज के ही दौर से हमारे इलाकों में दावत का काम हो रहा है। फिर आगे कहते हैं कि, उन हालात में से जो हमारे जमाने में से लोगों को पहुंचे हैं और उन गलत बातों में से क्या-क्या है फरमाते हैं आपस में फिरका बंदी, फिरको की ज़्यादत्ती और कसरत। उन फिरको की कसरत जो इस बात का दावा करते हैं कि वह सही तरीकों पर चल रहे हैं। वह इस बात का दावा करते हैं कि वह लोगों को अल्लाह तआला की तरफ बुला रहे हैं और इस्लाह कर रहे हैं।
हालांकि वह अपनी दावत में इसके बरखिलाफ तरीके पर हैं इसलिए वह सही तरीके से दूर है। इन तमाम जमातो में से एक तबलीग़ी जमात भी है। तबलीग़ी जमात वह है जिसके अक्सर अफ़राद अकीदे से नावाकिफ है और सही सुन्नत और सही हदीस से ना वाकिफ हैं और उनके यहां खुराफात और बकवास का जिक्र होता है ज्यादातर और झूठे वाक्यों का जिक्र होता है।
वह हमेशा इस बात पर फखर करते हैं कि वह दूसरों से दूसरे लोगों के मुकाबले ज्यादा मुअस्सिर दावत देने वाले हैं. अरेबिक वेबसाइट www.alhurra.com पर प्रकशित खबर के अनुसार इस तबलीग़ी जमात की शुरुआत हिंदुस्तान में हुई। फिर इस जमात के बाज़ सदस्य हमारे यहां इजाजत लेने आए कि उन्हें दावत का काम करने की इजाजत दे दी जाए। तो उस जमाने में सरकारी मुफ्ती शेख मोहम्मद बिन इब्राहिम अल शेख ने इनके बारे में एक फतवा दिया। जिसमें उन्होंने इस बात का जिक्र किया के इस जमात में कोई खैर नहीं है इसलिए कि यह बिदअत और गुमराही वाली जमात है।
سماحة الشيخ عبدالعزيز بن عبدالله آل الشيخ المفتي العام للمملكة العربية السعودية
رئيس هيئة كبار العلماء الرئيس العام للبحوث العلمية والإفتاء
(حديث المفتي عن جماعة التبليغ) pic.twitter.com/hADUPv9LPr— الرئاسة العامة للبحوث العلمية والإفتاء (@aliftasa) December 9, 2021
इनकी बाज तकरीरों पर मुसतमिल किताब के पढ़ने से हमें मालूम हुआ कि यह जमात के अंदर बिदअत और गुमराही और इस जमात में कब्रों की परस्ती और शिर्क पाया जाता है और यह ऐसी बात है जिस पर खामोश रहने की कोई गुंजाइश नहीं, इस बात पर खामोश नहीं रहा जा सकता।
तबलीग़ जमात नबी के कई तरीक़ों के ख़िलाफ़ चलती है। ये जमात बिना किसी इल्म के दावत के लिए निकलती है. ये अल्लाह और नबी के तरीक़ों के ख़िलाफ़ है. ये वो जमात है जिससे आतं’कवादी समूह भी पैदा हुए। इनके साथ चलने वाले लोग इल्म की कमी का शिकार होकर तकफ़ीरी यानी किसी मुसलमान को धर्म भ्रष्ट कहने वाला जमातों का भी शिकार हो जाते हैं।
وجّه معالي وزير الشؤون الإسلامية د.#عبداللطيف_آل_الشيخ خطباء الجوامع، والمساجد التي تقام فيها صلاة الجمعة مؤقتاًَ بتخصيص خطبة الجمعة القادمة 6 / 5 / 1443 هـ للتحذير من (جماعة التبليغ والدعوة) والتي يطلق عليها (الأحباب)، كما وجّه معاليه أن تشمل الخطبة المحاور التالية:
…— وزارة الشؤون الإسلامية 🇸🇦 (@Saudi_Moia) December 6, 2021
इसी वजह से आतंकी सगंठनों के लोग जो कि सऊदी अरब की जेलों में बंद हैं, उनके बारे में जांच की गई तो पता चला कि ये पहले तबलीग़ी जमात में शामिल थे। सऊदी अरब की फ़तवा देने वाली कमिटी ने फ़ैसला किया है कि तबलीग़ी जमात या अहबाब के साथ शामिल होना जायज़ नहीं है।
आगे उन्होंने कहा की हम पर वाजिब है कि हम उनकी दावत को क़बूल न करें। ये जमात और इस जैसी जमातें हमे फिरको में टुकड़े-टुकड़े कर देंगी। ये किसी भी सूरत में जायज़ नहीं है।
इस वीडियो में जुम्मा खुत्बा की उर्दू की ट्रांसलेशन है जिसमें तबलीगी जमात के ताल्लुक से सऊदी की मस्जिदों में हुकुम दिया गया है।
दरअसल अल अहबाब तबलीग़ी जमात का ही अरेबिक दुनिया में एक नाम है, इसको अल अहबाब के नाम से जाना जाता है.
अलग-अलग तरीके की खबरों के बीच में कोहराम ने जांच पड़ताल करके यह खबर आपके सामने पेश की है कि हकीकत में तबलीगी जमात पर ही जुमा खुत्बा दिया गया है और उसी के ताल्लुक से पाबंदियां लगाई गई है