ईरान ने अमेरिका की ट्रंप सरकार द्वारा परमाणु समझौते से हटने के बाद लगाए गए व्यापारिक प्रतिबंध के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय कोर्ट से शिकायत की थी। अंतरराष्ट्रीय कोर्ट ने अमेरिका को बड़ा झटका देते हुए ईरान के पक्ष में फैसला सुनाया है।
हेग स्थित इंटरनैशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) ने बुधवार को एकमत से व्यवस्था दी कि अमेरिका ने जो पाबंदी लगाने की घोषणा की, उसमें वह कुछ चीजों के निर्यात की छूट दे। इस आदेश के खिलाफ अमेरिका की और से कोई अपील दाखिल नहीं की जा सकती।
चीफ जज अब्दुलकावी अहमद युसुफ ने कहा, ‘कोर्ट इस बात पर एकमत है कि अमेरिका ने 8 मई को जो पाबंदी लगाने की घोषणा की उसमें औषधि एवं चिकित्सा उपकरण, खाद्य एवं कृषि जिंसों के साथ-साथ विमानों के कल-पुर्जे जैसी चीजों के निर्यात की छूट दे।’
World Court, the highest United Nations tribunal, orders the United States to ensure Iran sanctions don't hit humanitarian aid: Reuters pic.twitter.com/J4jjCpSvGH
— ANI (@ANI) October 3, 2018
कोर्ट ने कहा कि मानवीय जरूरतों के सामान पर लगा प्रतिबंध से ईरान के लोगों के स्वास्थ्य और जिंदगी पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है। कोर्ट ने कहा, ‘अमेरिका का प्रतिबंध ईरान के नागरिक उड्डयन की सुरक्षा और इसका इस्तेमाल करने वाले लोगों की जिंदगी को भी खतरे में डाल सकता है।’
इस फैसले के बाद संयुक्त राज्य अमेरिका ने ईरान के साथ Treaty of Amity, 1955 को समाप्त कर दिया है। यूएस के स्टेट सेक्रेटरी माइक पोम्पियो ने बुधवार को इसकी घोषणा की। पॉम्पियो ने ईरान पर इस ट्रीटी का गलत इस्तेमाल करने का आरोप लगाते हुए कहा कि ईरान ही यूएस में आ रही दिक्कतों का कारण है।
पॉम्पियो ने कहा, ‘ईरान लगातार हम पर हमला करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन हमारा इंटेलिजेंस सिस्टम काफी बढ़िया होने के कारण वह ऐसा करने में अक्षम हैं। ईरान राजनीतिक और प्रचार उद्देश्यों के लिए ICJ का भी दुरुपयोग कर रहा है।’
पोम्पियो ने ICJ के निर्णय पर बयान देते हुए कहा कि यूएस ईरान को मानवीय सहायता प्रदान करेगा। हालांकि उन्होंने वहां की सरकार पर हमला करते हुए कहा कि तेहरान में बैठी सरकार ईरानी लोगों की मदद करने की बजाय पैसे बर्बाद कर रही है। पोम्पेयो ने कहा, ‘हम डिपार्टमेंट ऑफ ट्रेजरी से इस बारे में बात कर रहे हैं। हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि ईरान से जुड़े कुछ निर्यात जारी रहेंगे ताकि हम वहां के लोगों की मदद कर सकें।’