ब्रिटेन के प्रधान मंत्री ने घोषणा की है कि सरकार ने म्यांमार की सेना के प्रशिक्षण को रोहिंग्या मुस्लिम शरणार्थी संकट के बीच समाप्त किया जा रहा है।
ध्यान रहे म्यांमार के उत्तरी राखीन राज्य में हिंसा की वजह से 420,000 से ज्यादा रोहिंग्या भाग कर पड़ोसी बांग्लादेश में शरण लेने के लिए मजबूर कर दिये गए है।
संयुक्त राष्ट्र ने इस क्षेत्र में म्यांमार की सेना के कार्यों को “जातीय सफाई” के रूप में वर्णित किया है। संयुक्त राष्ट्र महासभा में स्काई न्यूज से बात करते हुए थेरेसा ने म्यांमार के रोहिंग्या के बारे में गहरीं चिंता जताई।
उन्होंने कहा: “उनके खिलाफ सैन्य कार्रवाई रोकना होगा हमने बहुत से कमजोर लोगों को अपने जीवन के लिए पलायन करते देखा है। “आंग सान सू की और बर्मा सरकार को यह बहुत स्पष्ट करना है कि उन्हें ये सैन्य कार्रवाई रोकना चाहिए।”
सांसदों और सहकर्मियों के दबाव के बाद, प्रधान मंत्री ने पुष्टि कि “सरकार इस मुद्दे का समाधान हो जाने तक रक्षा मंत्रालय द्वारा सभी रक्षा सामग्री और बर्मी सेना के प्रशिक्षण को रोक रही है”।
लिखित संसदीय प्रश्नों के उत्तर से पता चलता है कि रक्षा मंत्रालय (एमओडी) ने म्यांमार के सशस्त्र बलों के लिए 2014 से शैक्षणिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों पर £ 650,000 से अधिक खर्च किया है।